धर्म से ही संस्कारों को नई दिशा मिलती- सुन्दर सागर महाराज

Update: 2024-07-25 12:51 GMT

भीलवाड़ा। हाउसिंग बोर्ड में स्थित सुपाश्र्वनाथ पार्क में धर्मसभा में तपस्वी राष्ट्रीय संत आचार्य सुन्दर महाराज ने सुन्दर देशना के तहत उद्बोधन में बताया कि धर्म से संस्कारो को एक नई दिशा मिलती है। संस्कारों से नैतिकता संयम, सहनशीलता आदि गुणों का विकास होता है। समृद्धि सुखी विश्व से सबका कल्याण हो सकता है। हमें मानव बनना है और मानवता का निर्माण करना है।

मनुष्य सहज भाव में व्यवहार धर्म का पालन किया जाए तो मनुष्य कठिन परिस्थितियों से बच सकता है। मनुष्य को प्रभु की भक्ति से मन शांत रहता है, जिसका मन शांत रहता है उनके मन में अपने आप सुख समृद्धि आती है। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अच्छी सोच को ज्यादा महत्व देना चाहिये क्योंकि अच्छी सोच ही आपके कार्य का निर्धारित करती है।

मानव को अपने किये भावों का तथा कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करके जांच करते रहना चाहिये ताकि भावों में विचलन और भटकन ना हो सके, क्योंकि अपने भावों के स्तर को बढ़ाने से परिणामों में विशुद्धि आती है। धर्मसभा का संचालन पद्म चन्द काला ने किया।

समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि धर्मसभा के प्रारंभ में बाहर से पधारे श्रावकों ने दीप प्रज्ज्वलन, पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट व मंगलाचरण किया। सांयकाल शंका समाधान, महाआरती, धर्म कक्षाऐं आदि आयोजित हुई, जिनमें सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने बढक़र-चढक़र भाग लेकर अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त कर अपने ज्ञान की वृद्धि कर रहे है।

मीडिया प्रभारी भागचन्द पाटनी ने बताया कि वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला में प्रात: 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, प्रात: 8.15 बजे नियमित प्रवचन, 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, सांय 6.30 बजे शंका समाधान इसके पश्चात् गुरू भक्ति एवं आरती। अन्त में वैय्यावृति के कार्यक्रम होगें।

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