ध्यान का अर्थ है मस्तक मणि आत्मा को देखना - ब्रह्माकुमारी इंदिरा दीदी
भीलवाड़ा बीएचएन। प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज के पथिक नगर सेवा केंद्र के ओम शांति सभाकर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत भीलवाड़ा सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका।ब्रह्माकुमारी इंदिरा दीदी ने कहा कि परमात्मा निराकार ज्योति स्वरूप है जो की ब्रह्मलोक के निवासी हैं। ध्यान हमें परमात्मा से जुड़ना सिखाता है। परमात्मा के साथ जुड़ने से हमारे अंदर शक्ति जागृत होने लगती है व गुणों का विकास होने लगता है। मन और बुद्धि में एकाग्रता आती है ।परमात्मा एक ऊर्जा है आपने 10 मिनट कोमेंट्री के द्वारा राजयोग का अभ्यास कराया व आत्मा रूपी मस्तक मणि को देखने पर बल दिया ।आपने कहा कि परमात्मा से हमें अपने दिल की बात शेयर करनी है।
ब्रह्माकुमारी तरुणा बहन ने कहा कि 70 से 80% बीमारियों की जड़ मानसिक तनाव है राजयोग ध्यान हमें स्वयं पर नियंत्रण सिखाता है और इससे तनाव से मुक्ति मिलती है। आपने कहा कि ध्यान के माध्यम से हमें आत्मा के सात गुण - ज्ञान, पवित्रता, शांति प्रेम, आनंद, सुख, एवं शक्ति की अनुभूति होती है।कार्यक्रम के आरंभ में 3 मिनट परमात्मा स्मृति का अभ्यास कराया गया।
ब्रह्माकुमारी मनीषा बहन ने विश्व ध्यान दिवस के विषय में जानकारी दी और कहा कि ध्यान और योग में अंतर है योग शारीरिक क्रिया है जबकि ध्यान एक आध्यात्मिक क्रिया है | आज के परिवेश में ज्ञध्यान की महती आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक अशोक कोठारी, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर वर्षा सिंह, इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष रीना गुप्ता, बार काउंसिल भीलवाड़ा के अध्यक्ष राजेश शर्मा, यूनेस्को की प्रेसिडेंट चेतन मानसिंहका रहे।
विधायक अशोक कोठारी ने कहा कि हमारा पद पेशा और प्रतिष्ठा जनकल्याण के लिए काम में आना चाहिए। ध्यान के माध्यम से हमें स्वयं को जानना है हम कौन है और कहां से आए हैं। ध्यान से हमें मुक्ति का अनुभव होता है।
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर वर्षा सिंह ने कहा भारत के अंदर मानसिक बीमारियां अन्य देशों की तुलना में कम है क्योंकि भारत के लोग ईश्वर में विश्वास रखते हैं। इसके अतिरिक्त अक्षय जी त्रिपाठी, रश्मि पारीक ने भी अपने विचार रखें।
कार्यक्रम में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया इसमें डॉक्टर श्रोत्रीया, डॉक्टर जाटव, डॉक्टर शैवाल, प्रोफेसर बांगड़, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डीडवानिया लाइंस क्लब की सीईओ उषा अग्रवाल आदि उपस्थित थे।