नशा करना है तों प्रभु भक्ति का करें- स्वामी चैतन्यानंद
भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में पिछले 38 दिनों से जारी चातुर्मास प्रवचन में बुधवार को नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि नशा करना है तों प्रभु भक्ति का करो। यह नशा भव सागर पार लगाएगा। दूसरे व्यसन करोगे तों शरीर, परिवार व जीवन का नाश निश्चित है। भगवान राम के सबरी के फल फूल प्रसंग में संत ने कहा कि में जाति स्वरूप को नहीं देखता। भावना व भक्ति कैसी है यह महत्वपूर्ण है। भगवान को मंदिर में भोग लगता है क्या हमने भगवान को जीमते देखा है? पर्दा लगाकर भावना के साथ पुरे मन से भोग रख तुलसी दल छोड़ हम समझ लेते है कि भगवान जीम लिए। यह सब सदभावना का खेल है। संत ने फरमाया की वाणी सदैव निर्मल व संगति सदैव अच्छी होनी चाहिए। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के दौरान कीर्तन भज गोविंदम बालमुकुंदम परमानंद हरे हरे से रामधाम गुंजायमान रहा। चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से प्रवचन हो रहे है ।