बैंक ऑफ बड़ौदा एमएसएमई व कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प - लालसिंह
भीलवाड़ा। देश के आर्थिक विकास, जीडीपी में एमएसएमई सेक्टर एवं कृषि की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। केन्द्र सरकार भी इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा भी एमएसएमई एवं कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। 15 जुलाई 2024 से बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से एमएसएमई आउटरीच प्रोग्राम प्रारम्भ किया गया है, जिसके तहत विभिन्न शाखाएं हर पखवाड़े में इस क्षेत्र के उद्यमियों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर रही है। किसानों के लिए भी किसान पखवाड़ा आयोजित किये जा रहे है। जिसके तहत चौपाल पर बैठकर बैंक के अधिकारी किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दे रहे है। वर्तमान में एमएसएमई सेक्टर को 5 करोड रुपये तक के ऋण क्रेडिट गारन्टी स्कीम के तहत बिना कॉलेटरल के उपलब्ध कराये जा रहे है। केन्द्र सरकार अब गम्भीरता से इस सेक्टर को बिना कॉलेटरल के ऋण की सीमा को 100 करोड रुपये तक बढाने पर गम्भीरता से विचार कर रही है। यह बात बैंक ऑफ बडौदा के कार्यकारी निदेशक लाल सिंह ने मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री एवं बैंकर्स क्लब की ओर से आयोजित सम्पर्क वार्ता में कही। सम्पर्क वार्ता में बैंक के जयपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक एम अनिल एवं भीलवाडा के क्षेत्रीय प्रबंधक एस के झा के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
लाल सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में कई तरह के संकटों से आर्थिक विकास की गति अवरुद्ध हो रही है। लेकिन जैसा कि कहावत है राजस्थानी तो संकट में भी अवसर निकाल लेता है। भीलवाडा कलस्टर को देखकर यह बात सत्य प्रतीत हो रही है। जहां सब ओर आर्थिक मंदी का भय व्याप्त है, वहां भीलवाडा के उद्यमी निरन्तर नये उद्योग लगा रहे है या विस्तार कर रहे है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों के लिए कम ब्याज दर की इच्छा तो होती ही है लेकिन इससे ज्यादा उनके लिए बैंक का सद्व्यवहार एवं तीव्र गति से कार्य निष्पादन महत्वपूर्ण है। जैसे व्यक्ति रेलवे में तत्काल सेवा के लिए अधिक मूल्य देने के लिए तैयार होता है, वैसे ही उचित समयबद्ध सेवा में बैंकिंग कार्य निष्पादन पर उद्यमी कुछ अधिक ब्याज दर देने के लिए भी तैयार रहेगा। आज टेक्नोलॉजी के युग में भी उद्यमी के साथ व्यक्तिगत सम्पर्क बहुत महत्वपूर्ण है। कस्टमर के साथ मधुर व्यवहार बैंक की सफलता की प्रथम पायदान है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के जयपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक एम अनिल ने कहा कि मध्य पूर्व, रुस-युक्रेन, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन आदि के कारण विश्व के सभी बडी आर्थिक शक्तियां, चीन, अमेरिका, यूरोप में महंगाई दर बढ रही है, आर्थिक विकास की गति कम हो रही है। संभव है कि आने वाले समय में थोडा आर्थिक संकट ओर बढे। ऐसे समय में उद्योग, व्यापार, बैंक सभी को सावधान रहने की जरूरत है। भीलवाडा क्षेत्र के औद्योगिक, कृषि, एमएसएमई के विकास में बैंक ऑफ बड़ौदा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भीलवाडा में हमारी समर्पित औद्योगिक, एमएसएमई सेवा शाखाएं कार्यरत है। आगे के लिए भी उद्योगों का विकास, निर्यात एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा पूर्ण रूप से तत्पर है।
मेवाड चैम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आर सी लोढ़ा ने स्वागत करते हुए कहाकि राइजिंग राजस्थान के तहत भीलवाडा में पुनः लगभग 10 हजार करोड के एमओयू किये जा रहे है, उद्योग, होटल सेक्टर, माइनिंग सेक्टर एवं कृषि उत्पाद आदि सभी सेक्टर में विकास की प्रबल संभावनाएं है। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर को नये आ रहे उद्योग एवं सर्विस सेक्टर को उचित ब्याज दर पर ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मेवाड चैम्बर के संयुक्त सचिव सुमित जागेटिया ने किया एवं बैंकर्स क्लब के सचिव एल एल गांधी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में बैंकर्स क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी एम मीणा, यूको बैंक के एजीएम अंकित गुप्ता, पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक रोहित अग्रवाल, एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड गौरव नागपाल, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के मुख्य प्रबंधक अशोक मंगल सहित विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी एवं मेवाड़ चैम्बर के सदस्य, विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारी, वरिष्ठ उद्यमी, चार्टर्ड एकाउंटेंट ने भाग लिया।