नाट्य महोत्सव में आज होंगी पद्म जानकी लाल भांड की बहुरूपिया प्रस्तुति

By :  vijay
Update: 2025-01-11 18:18 GMT

BHILWARA रसधारा सांस्कृतिक संस्थान, भीलवाड़ा द्वारा विख्यात नाट्य धर्मी डॉ. अर्जुन देव चारण के सम्मान में आयोजित भीलवाडा नाट्य महोत्सव 2025 का खुमार दर्शकों के परवान चढ़ रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन तीन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। सुबह 11 बजे रसधारा प्रांगण के साक्षात् ऑडिटोरियम में जोधपुर के अभिनय गुरुकुल की स्वाति व्यास द्वारा निर्देशित नाटक एलबम का मंचन हुआ। 34 वर्षीय मंजरी को घर की सफाई करते समय एक पुराना एलबम मिलता है और वह पुरानी यादों में खो जाती है। बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कुछ भी कर सकने वाले पिता की अथक मेहनत तथा मां का समर्पण दर्शकों को अंदर तक झंकृत कर देता है।

शाम 4 बजे अमृता प्रीतम की कहानी 'अंतर्मन के धागे - एक अमृता' का वाचन बबीता मदान के निर्देशन में जयपुर की टीम द्वारा किया गया। अमृता प्रीतम की कहानियां मुहब्बत और जिंदगी की ओर औरत के नुक्ता नजर की नुमाइंदगी है।

वहीं शाम 7 बजे नगर निगम के महाराणा प्रताप सभागार में अनुराग कला केंद्र बीकानेर के सुधेश व्यास द्वारा निर्देशित राजस्थानी नाटक दुलारी बाई का मंचन हुआ। दुलारी बाई लोक रंगों और परिवेश से जुड़ी एक लोक कथा है जिसमें लोक नाटकों और लोक प्रतीकों का उपयोग किया गया है। दुलारी बाई को अहसास होता है कि धन की लालसा से ज्यादा महत्व मानवीय रिश्तों और प्रेम का है।

रसधारा संस्था भीलवाड़ा का मंजू जोशी नाट्य सम्मान वर्ष 2024 जयपुर की रंगनेत्री, नृत्यांगना, नाट्य निर्देशिका, लेखिका बबीता मदान को समर्पित किया गया। नाट्य निर्देशन एवं अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय बबीता मदान ने 500 से अधिक नाट्य कार्यशालाओं का आयोजन कर बच्चों एवं वयस्कों को नाट्य कला की शिक्षा दी है।

महोत्सव में आयोजित रंग संवाद सत्र में नाट्य विधा से संबंधित विषयों पर रंगकर्मियों द्वारा विमर्श किया गया।

आज होंगे यह कार्यक्रम

आज पहली प्रस्तुति के रूप में सुबह 11.30 बजे अनंगारि थियेटर बांसवाड़ा द्वारा नाटक गांधारी का मंचन रसधारा के साक्षात् ऑडिटोरियम में होगा।

वहीं पद्म श्री जानकी लाल भांड की बहरूपिया प्रस्तुति भी शाम 4 बजे होगी।

शाम 7 बजे नगर निगम टाउन हॉल में रंग मस्ताने जयपुर द्वारा अभिषेक मुद्गल निर्देशित राजस्थानी नाटक बलिदान का मंचन किया जाएगा। जिसमें केसरी सिंह बारहठ के बलिदान को दर्शाया गया है।

Similar News