धार्मिक श्रद्धा से भावविभोर हुआ श्रद्धालु : श्री सांवलिया सेठ की प्राकट्य कथा में उमड़ा जनसैलाब
भीलवाड़ा । मेवाड़ में पहली बार मां सिद्धिदात्री शक्तिपीठ मंदिर नवरात्रि महोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्री सांवलिया सेठ की प्राकट्य कथा में श्रद्धालु जन भावविभोर नजर आए। यह भव्य धार्मिक आयोजन 2 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी बंधु, माताएं और बहनें सम्मिलित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज और निंबार्क आश्रम के महंत मोहन शरण जी शास्त्री महाराज का व्यास पीठ पर स्वागत किया गया। कथा वाचक गौवत्स दिव्यांशु महाराज ने श्री सांवलिया सेठ की प्राकट्य कथा का विस्तृत और भावपूर्ण वर्णन किया। कथा के दौरान श्रद्धालु जनों ने मंच पर विराजित सांवलिया सेठ की मूर्ति के समक्ष नृत्य कर अपनी आस्था प्रकट की।
स्वागत प्रभारी कैलाश सोनी ने जानकारी दी कि आज रात्रि 8 बजे दिल्ली की राजकुमार एंड पार्टी द्वारा श्रीकृष्ण लीला की नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी। आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा इस प्रकार है:
28 से 30 सितंबर — रात्रि 7:30 बजे से दुर्गा सप्तशती की महिमा पर आधारित कथा का वाचन श्री नंदरायदास महाराज और पंडित चैतन्य शर्मा द्वारा किया जाएगा।
28 सितंबर — मेवाड़ का प्रसिद्ध गवरी (रई) नृत्य शिवपुरा शाहपुरा के कलाकारों द्वारा प्रातः 8:30 बजे से पूरे दिन प्रस्तुत किया जाएगा।
1 अक्टूबर — कन्या पूजन व भोजन कार्यक्रम में लगभग 500 कन्याओं सहित धर्म प्रेमियों को महाप्रसादी वितरित की जाएगी। वितरण समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। रात्रि 8 बजे से "एक शाम मां सिद्धिदात्री के नाम" विशाल भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भजन गायक नरेश प्रजापत प्रस्तुति देंगे।
2 अक्टूबर — महोत्सव के अंतिम दिवस पर दोपहर 2 बजे से जवारा विसर्जन यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान माता जी की जोत बस्ती में भ्रमण करते हुए कुवाडा माता मंदिर पहुंचेगी।
इस धार्मिक आयोजन में नवरात्रि महोत्सव समिति अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा, स्वागत प्रभारी कैलाश सोनी, संयोजक भगत सेन, जमनालाल जोशी, रमेश खटीक, सत्यनारायण व्यास, छोटूलाल कोली, हरिशंकर पारीक, राधेश्याम सिंघवाल, कैलाश दाधीच, भंवर सिंह कछावा, दल्ली चंद खटीक, जगदीश कुदाल, रघुवीर चौहान, लक्ष्मण कोली, सत्यनारायण चित्रकूट मंदिर पुजारी नारायण गोस्वामी, कैलाश शर्मा, रतन सुवालका, अनिल रांका, कृष्ण गोपाल कुदाल, महावीर व्यास सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।
