भीलवाड़ा,-पेसवानी । श्री हरी सेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर, हरिशेवा धाम में शारदीय नवरात्रि महोत्सव का आयोजन बड़े ही भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ। यह महोत्सव स्थानीय श्रद्धालुओं और संतों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का प्रमुख केंद्र बना रहा।
मंगलवार, 30 सितम्बर को दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन के सानिध्य में दुर्गा सप्तशती यज्ञ एवं शस्त्र पूजन सम्पन्न हुआ। इस अनुष्ठान का संचालन पं. सत्यनारायण शर्मा और पं. मनमोहन शर्मा ने किया। इस अवसर पर आश्रम के संत, ब्रह्मचारी और श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने बताया कि 22 सितम्बर से नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से मण्डल पूजन, अभिषेक, नित्य हवन, नवचंडी दुर्गा पाठ, शस्त्र पूजन और आरती का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। स्वामी जी ने बताया कि महानवमी पर माँ सिद्धिदात्री की आराधना करने से सिद्धियों की प्राप्ति, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
बुधवार, 1 अक्टूबर को महानवमी के उपलक्ष्य में हरिशेवा प्रांगण स्थित हरिशेवा वाटिका में महा कन्या भोज का विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर नौ कन्याओं का पूजन, हवन, पूर्णाहुति और आरती सम्पन्न हुई। तत्पश्चात ब्राह्मण भोज और कन्या भोज का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहीर सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रवीन्द्र जाजू और विवेकानंद केंद्र के भगवान सिंह सहित अनेक श्रद्धालुओं ने हवन में पूर्णाहुति अर्पित कर आस्था व्यक्त की।
स्वामी हंसराम जी ने बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों तक माता दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप की पूजा-अर्चना विशेष महत्व रखती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चैथे दिन कुष्मांडा, पाँचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवमें दिन सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। प्रत्येक दिन विशेष हवन और पाठ से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
महा कन्या भोज में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भोजन ग्रहण कर आस्था और सामुदायिक भाव को महसूस किया। बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने भी कन्या पूजन में भाग लेकर माता दुर्गा की कृपा प्राप्त की।
इस भव्य आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा दिया, बल्कि समाज में आपसी भाईचारा, सामूहिकता और आध्यात्मिक चेतना को भी मजबूत किया। आयोजन के समापन पर महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया और आगामी वर्षों में भी इस प्रकार के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। प्रातः 10.15 बजे महा कन्या भोज के साथ नवरात्रि महोत्सव का भव्य समापन हुआ, जिसे देखकर उपस्थित सभी श्रद्धालु बेहद प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई दिए।
