पीएम किसान योजना से जुड़े बड़े किसानों को फिलहाल राहत, खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर करने का आदेश रोका
भीलवाड़ा।
केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े ऐसे किसान, जिनकी कृषि जोत सरकारी मानक से अधिक है, उन्हें अभी खाद्य सुरक्षा योजना (सरकारी गेहूं वितरण) से बाहर नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने पहले इस वर्ग के किसानों की जांच कर उन्हें 'सक्षम' मानकर सूची से हटाने की तैयारी की थी, लेकिन पंचायतराज चुनाव और संभावित किसान नाराजगी को देखते हुए इस आदेश को फिलहाल रोक (होल्ड) दिया गया है।
जांच के लिए जारी हुआ था सर्वे आदेश
कुछ समय पहले एक सर्वे के निर्देश जारी हुए थे, जिसके तहत:
3 से 10 हेक्टेयर तक सिंचित भूमि रखने वाले किसानों की जांच की जानी थी।
उद्देश्य था कि ऐसे किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम मानते हुए सरकारी अनाज वितरण की पात्रता सूची से बाहर किया जाए।
विभाग ने वर्ष 2016 के कृषि भूमि रजिस्टर को वर्तमान पीएम किसान सम्मान निधि डेटा से मिलान कर जांच शुरू कराने का निर्णय लिया था।
इसके तहत पात्र व अपात्र किसानों की अलग-अलग सूची तैयार कर रसद विभाग को भेजी जानी थी।
आगे चलकर सक्षम किसानों को हटाने की योजना
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवस्था पूरी तरह स्थगित नहीं हुई है, बल्कि अगले कुछ वर्षों में इसे लागू करने की संभावना बनी रहेगी।
अगर राज्य में यह योजना लागू हुई तो:
पीएम किसान डेटा
भू-अभिलेख रिकार्ड
दोनों का विश्लेषण कर सक्षम किसानों के नाम हटाए जाएंगे।
हालांकि विभाग का कहना है कि इससे छोटे और सीमांत किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केवल उन किसानों को अपात्र श्रेणी में रखा जाएगा, जिनके पास बड़ी जोत होने के कारण आर्थिक रूप से सक्षम माने जाएंगे।
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