करंट से बंदर की मौत, ग्रामीणों ने शोभायात्रा निकाल किया धार्मिक विधि से अंतिम संस्कार
आकोला। रमेश चंद्र डाड़
कस्बे में मानवता और धार्मिक आस्था की अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब बिजली के करंट की चपेट में आए एक बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों ने सामाजिक और धार्मिक परंपराओं के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया। बताया गया कि कुछ दिन पहले बंदर बिजली के करंट से गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसकी शनिवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने आपसी सहमति से बंदर की पूरे सम्मान के साथ अंतिम यात्रा निकालने का निर्णय लिया। बंदर को बैकुंठी में विधि विधान से विराजमान किया गया और कस्बे के प्रमुख मंदिरों में दर्शन कराए गए।
इसके बाद ढोल नगाड़ों की गूंज, गुलाल और पुष्पवर्षा के बीच कस्बे के मुख्य मार्गों से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में पुरुष भजन कीर्तन करते हुए चले, वहीं महिलाएं भी भजनों के साथ श्रद्धा भाव से शामिल रहीं। पूरा वातावरण धार्मिक और भावुक हो उठा।
शोभायात्रा के समापन पर बनास नदी के तट पर वैदिक परंपराओं के अनुसार बंदर का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने इसे जीव मात्र के प्रति करुणा और सनातन संस्कृति की भावना से जोड़कर देखा।
इस अवसर पर किशन सेन, कैलाश बलाई, सांवर वैष्णव, नारायण भारती, उदयलाल तेली, मुकेश जोशी, जमनालाल माली, कालू भारती, शंभू दरोगा, गोपाल मीणा, बंशीलाल शर्मा, राहुल भाट सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष और महिलाएं मौजूद रहीं। ग्रामीणों ने प्रशासन से खुले बिजली तारों और करंट की समस्या के स्थायी समाधान की भी मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
