लक्षित पांच वर्ष तक के 1 लाख 60 हजार बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए की खुराक आज से
भीलवाडा, । जिले में विटामिन-ए की कमी के कारण बच्चों पर पडने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चिकित्सा विभाग के संयुक्त प्रयासों व सहयोग से जिले में 29 नवम्बर से विटामिन-ए पिलाने का अभियान शुरू किया जायेगा, जो 29 दिसम्बर, 2024 तक लगातार चलेगा। इस दौरान भीलवाडा के नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी लक्षित बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने का लक्ष्य रखा गया है और अभियान को सफल बनाने के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों-कर्मचारियों को पाबंद कर जिला स्तर से निर्देश दिये गये है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी ने बताया कि अभियान के शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अभियान के दौरान विटामिन ए की दवा आंगनबाड़ी केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप जिला अस्पताल एवं जिला अस्पताल पर पिलाई जाएगी। यह खुराक छह माह के अन्तराल से पिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि विटामिन-ए आखों की बीमारियों जैसे रतौंधी व अंधता से बचाव के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। विटामिन-ए से बच्चों में दस्त एवं निमोनिया आदि बीमारियों के घातक प्रभाव में कमी लाई जा सकती है। विटामिन के जरिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में भी कमी आती है। इस दौरान एक से पांच साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को विटामिन-ए की दो एमएल खुराक पिलाएंगी एवं नौ माह के बच्चों को विटामिन-ए की एक एमएल खुराक पिलाई जाएगी। जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं हैं, वहां एएनएम पांच साल तक के लक्षित बच्चों को यह खुराक पिलाएगी।
इसलिए आवश्यक है विटामिन-ए
अति0 सीएमएचओ डॉ0 रामकेश गुर्जर ने बताया कि विटामिन ए शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून, ग्रन्थि, दांत, मसूडा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिति जो कि सिर्फ पोषक तत्वों के अभाव में होती है, वह है अंधेरे में कम दिखाई देना, जिसे रतौंधी भी कहते हैं। इसके साथ आंखों में आंसू के कमी से आंख सूख जाते हैं और उसमें घाव भी हो सकता है। बच्चों में पोषक तत्व विटामिन ए के अभाव में विकास की गति धीमी हो जाती है, जिससे उनके कद पर असर हो सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चली जाती है। संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इन सभी के बचाव के लिए अभियान के दौरान अपने बच्चों को अधिकाधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलानी चाहिए।