भाविप विवेकानंद के 36 गौरवशाली वर्ष पूर्ण, सेवा और संस्कार के क्षेत्र में अग्रणी रही शाखा
भीलवाड़ा। भारत विकास परिषद की स्वामी विवेकानंद शाखा ने अपने गठन के 36 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर, शाखा ने एक नया स्थायी प्रकल्प शुरू करने की घोषणा की, जिसके तहत हर महीने के तीसरे रविवार को परिषद भवन में ऑर्थोपेडिक ओपीडी परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह पहल फिजियोथेरेपी क्लिनिक में आने वाले रोगियों को और अधिक लाभ प्रदान करेगी। शाखा ने नवाचार करते हुए अब हर वर्ष 6 जून को अपना स्थापना दिवस मनाने का भी प्रस्ताव रखा है। शाखा सचिव केजी सोनी ने बताया कि भीलवाड़ा नगर में भारत विकास परिषद की कुल सात शाखाएँ कार्यरत हैं, जिनमें स्वामी विवेकानंद, प्रताप, आजाद, सुभाष, वीर शिवाजी, मीरा और भगत सिंह शामिल हैं। वर्तमान में, लगभग 750 दांपत्य सदस्य इस परिषद परिवार से जुड़े हुए हैं। कोषाध्यक्ष आदित्य मानसिंहका ने बताया कि भारत विकास परिषद का भीलवाड़ा में गठन 6 जून 1989 को लगभग 40 सदस्यों के साथ हुआ था। शांतिलाल पानगडिया, सुभाष बहेडिया, पी एम बेसवाल, नरेंद्र लोढ़ा, और जगदीश लड्डा जैसे प्रमुख व्यक्ति इसके संस्थापक सदस्य रहे हैं। संगठन विस्तार की दिशा में, 16 दिसंबर 2001 को भारत विकास परिषद भीलवाड़ा में महाराणा प्रताप शाखा का गठन किया गया, जिसके बाद 60 सदस्यों की भीलवाड़ा शाखा को स्वामी विवेकानंद नाम दिया गया। स्वामी विवेकानंद शाखा का सेवा और संस्कार के क्षेत्र में एक गौरवशाली इतिहास रहा है। वर्ष 2001-2002 में बनारस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में शाखा को पूरे भारतवर्ष की 1100 शाखाओं में सेवा और संस्कार के प्रकल्पों में प्रथम स्थान से सम्मानित किया गया था। शाखा द्वारा अब तक लगभग 250 से 300 नेत्रदान और तीन से चार नेत्र प्रत्यारोपण कराए जा चुके हैं। वर्ष 2004 में, स्वामी विवेकानंद शाखा ने स्थानीय शास्त्री नगर में अपने भवन का निर्माण किया, जिसका 2010-11 में प्रथम तल का निर्माण कर विस्तार किया गया। 2015 से, शाखा ने विभिन्न स्थायी प्रकल्प शुरू किए, जिनमें निःशुल्क मधुमेह दवा वितरण, काढ़ा वितरण, एम्बुलेंस सेवा और विभिन्न प्रकार के शिविर शामिल हैं। वर्ष 2020 में, शाखा ने एक फिजियोथेरेपी क्लिनिक की भी स्थापना की। पिछले 35 वर्षों में, शाखा के कई सदस्यों ने प्रांतीय, रीजनल और केंद्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। इस अवसर पर, गिरीश अग्रवाल (अध्यक्ष), के जी सोनी (सचिव), आदित्य मानसिंहका (कोषाध्यक्ष), और अनु हिम्मतरामका (महिला संयोजिका) ने कहा कि सभी शाखा सदस्यों को इस प्रसिद्ध और गौरवशाली संगठन का सदस्य होने पर गर्व है, जो 36 वर्षों से सेवा और संस्कार के कार्यों में अतुलनीय योगदान दे रही है।