सहकार भारती के दो दिवसीय अधिवेशन का समापन: सहकार से समृद्धि के सपने को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे- राज्य मंत्री गौतम दक

Update: 2024-08-10 12:04 GMT

भीलवाड़ा। सहकार भारती के दो दिवसीय अधिवेशन का समापन समारोह शनिवार को महाराणा प्रताप सभागार नगर परिषद भीलवाड़ा में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार में सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  गौतम दक थे। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कई योजनाओं की घोषणा की है लेकिन इसका पूरा लाभ सहकारिता को मिल पाए इसके लिए समाज में सकारात्मकता की आवश्यकता है।


सहकार से समृद्धि के  प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। राजस्थान में कार्यरत अधिकांश पैक्स मजबूत स्थिति में है कुछ पैक्स जो कमजोर स्थिति में है उनमें भी अतिशीघ्र सुधार करके उनको सुचारु किया जाएगा ताकि किसानों को पूर्ण लाभ मिल सके। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा द्वारा राजस्थान में सहकारिता विभाग के बजट में वृद्धि की गई है ताकि इस क्षेत्र का तीव्र विकास हो सके। सहकारिता के क्षेत्र में भ्रष्टाचार नहीं हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।


उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में आ रही कुछ कमियों को दूर करके सहकारिता के क्षेत्र में विकास को गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता में विकास की अपार संभावनाएं है। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत का समग्र विकास सहकारिता के माध्यम से ही संभव है।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निंबाराम ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन समय से है। भारत में ग्रामीण लोग समन्वय पूर्वक रहते थे। केवल बड़े उद्योगों से ही भारत आत्मनिर्भर बनेगा ऐसा संभव नहीं है, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को सहकारिता के माध्यम से जोड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देकर ही विकसित भारत का निर्माण होगा। अंत्योदय की भावना के साथ भारत के अंतिम व्यक्ति के विकास के साथ ही समृद्ध भारत का निर्माण होगा। आदिवासी जनजाति के विकास के लिए जंगली इलाकों में फल एवं सब्जी के मार्केटिंग के लिए सहकारिता के माध्यम से उनको एक सुविधा प्रदान करवाई जा सकती है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो। सहकार भारती को कार्य करते हुए 45 वर्ष हुए हैं आज से 5 वर्ष बाद जब हम इसका 50 वाँ स्थापना दिवस मना रहे होंगे इस हेतु एक लक्ष्य आज ही निर्धारित करना चाहिए जिससे सहकारिता के क्षेत्र में हम तीव्र गति से विकास कार्य कर सके।


उन्होंने बताया कि सहकारिता क्षेत्र को यदि विकसित करना है तो समाज में जागरूकता की आवश्यकता है आज कई छोटे कुशल कारीगर जैसे इलेक्ट्रीशियन, सिलाई कार्य इत्यादि मूल्य की कमी से अपना कार्य छोड़ रहे हैं और बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। इस क्षेत्र में तकनीक के माध्यम से इसको उन्नत बनाए जाने की आवश्यकता है लोगों में ऐसे व्यापार को लेकर सामाजिक असुरक्षा की भावना है उसे हटाने की आवश्यकता है। स्वावलंबन की भावना के लिए केवल शासन के सहयोग से श्रेष्ठ भारत का निर्माण नहीं होगा इसके लिए सहकारिता की भावना से जन-जन का योगदान जरूरी है। भारत के विरासत को जीवंत और स्थापित करने की आवश्यकता है भारत भूतकाल में समृद्ध था उसी कल को जीवंत कर फिर से समृद्ध भारत का सपना साकार करना होगा।




उपभोक्ताओं की मानसिकता है कि स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता कमजोर होती है तथा ब्रांडेड वस्तुओं के उपयोग को भी प्राथमिकता देते हैं इस विचार को बदलना होगा तथा स्थानीय उत्पादों को अपनाना होगा। सहकार की भावना की शुरुआत अपने घर से करनी होगी पहले अपने घर में कुटुंब की भावना स्थापित करनी होगी उसके बाद ही देश हम समझ में यह भावना विकसित होगी।

संस्थान के प्रदेश महामंत्री सुनील सोमानी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के दीप प्रज्वलन से हुई। सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन परमार ने सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न क्रियाकलापों तथा उनमें आ रही समस्याओं एवं उनके समाधानों के विषय में प्रतिभागियों को जानकारी दी।

सहकार भारती की नई कार्यकारणी के लिए निर्वाचन हुआ जिसमें प्रदेश अध्यक्ष के लिए राजेंद्र कुमार थानवी, महामंत्री के लिए सुनील सोमानी को नियुक्त किया गया। कार्यक्रम के अंत में इस आयोजन में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया तथा प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, नगर परिषद सभापति राकेश पाठक, जनप्रतिनिधि प्रशान्त मेवाड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्ति तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों सहित लगभग 750 से अधिक लोग मौजूद थे।

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