पौधारोपण का रिकॉर्ड कायम करने की योजना अव्यवहारिक- जाजू

Update: 2024-08-21 12:10 GMT

पूर्व में रिकॉर्ड बनाने के लिए लगाये करोड़ों पौधों में 5 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं

भीलवाड़ा । राज्य सरकार के शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों को रिकॉर्ड कायम करने की दृष्टि से दिये गये 1 करोड़ पौधों के एक ही दिन में रोपण के भारी भरकम लक्ष्य को अव्यवहारिक एवं जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताते हुए पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने कहा है कि सरकार द्वारा विद्यालयों व सरकारी कार्यालयों में लक्ष्य के अनुरूप पौधे लगाने हेतु खाली परिसर नहीं होने के बावजूद बड़ी संख्या में पौधे लगाने के लक्ष्य दिये गये हैं एवं अत्यधिक छोटी साईज के पौधे उपलब्ध करवाये गये हैं। पौधों की सुरक्षा एवं खाद, मिट्टी हेतु आर्थिक सहयोग भी नहीं दिया गया है। जाजू ने बताया कि बिना तैयारी के बड़ी संख्या में पौधारोपण धरती पर नहीं, कागजों में लगाने जैसा है।

जाजू ने आगे बताया कि पूर्व में सरकार द्वारा बड़े-बड़े लक्ष्य निर्धारित कर हजारों करोड़ रूपये खर्च किये, बावजूद उसके वन क्षेत्रों में हरियाली प्रतिशत नहीं बढ़ा है। जाजू ने कहा कि विद्यालयों में सुरक्षा दीवारें टूटी हुई है एवं दरवाजे क्षतिग्रस्त है ऐसे में थोपा गया पौधारोपण का लक्ष्य कागजी पौधारोपण जैसा है। जाजू ने बताया कि अनेक विद्यालयों द्वारा पौधे लगाने के स्थान के अभाव में पौधों का वितरण विद्यालयी छात्र-छात्राओं को कर दिया गया है, यह पौधे छायांदार होने के कारण इन्हें घर पर गमलों में नहीं लगाया जा सकता है जिससे यह पौधे बर्बाद हो गये हैं। जाजू ने कहा कि पौधे चाहे कम संख्या में लगे लेकिन उन्हें जीवित रखने की जवाबदेही तय होनी चाहिए। जाजू ने कहा कि पूर्व में हरित राजस्थान अभियान के तहत वर्ष 2009-11 में जनता की गाढ़ी कमाई के 149 करोड़ की लागत से 4 करोड़ 46 लाख पौधे लगाये गये थे, डंूगरपुर में वर्ष 2011 में एक दिन में 11 लाख 11 हजार पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें से 5 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं है।

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