जिले भर में मनाया गया बच्छ बारस का पर्व

Update: 2024-08-30 09:42 GMT

भीलवाड़ा । मां-बेटे के वात्सल्य का प्रतीक लोकपर्व बच्छ बारस भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर शुक्रवार को नौगांवा के सांवलिया सेठ मंदिर में परम्परागत ढंग से मनाया गया। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि बारस के उपलक्ष में सांवरिया सेठ का भव्य श्रृंगार किया गया। पुजारी दीपक व आनंद पाराशर की ओर से किए गए श्रृंगार में भगवान सांवलिया सेठ ग्वाल बाल के रूप में लाल रंग बगल बंडी व केसरिया रंग की धोती पहने, यमुना महारानी के तट पर गोचारण जैसी दृश्य की पिछवाई, सर पर मोर पाग धारण किए, दाढ़ी में हीरा लगाएं,गले में मोतियों का हार धारण किए हुए, दो गायों के बीच गोचरण करते हुए मनमोहक दर्शन दे रहे थे। गौशाला में एनआरआई केलिफॉरनिया युएसए के महेश व सीमा सोमानी ने दो गाय गोद ली। पुजारी दीपक ने गायों की पूजा कराई। गायों को साड़ी ओढ़ाकर, पानी पिलाया और ग्वाल सूरज सिंह को गायों के साथ ही बर्तन भेंट किए। गाँव की महिलाओं ने गाय व बछड़े की पूजा की। खत्री समाज के विमल अरोड़ा के सानिध्य में वन भृमण व भजन हुए। 

अंसल सुशांत सिटी  में बछ बारस गाय माता की पुजा विधि विधान से की गई। विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी प्रांत छात्रा प्रमुख सीमा पारीक ने बताया धार्मिक मान्यतानुसार बछ बारस या गोवत्स द्वादशी व्रत पुत्र की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। अत: भारत के अधिकांश हिस्सों में भाद्रपद कृष्ण द्वादशी को गोवत्स द्वादशी मनाई जाती है। पुराणों में गौ माता या गाय के प्रत्येक अंग में देवी-देवताओं की स्थिति का विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है। इस दिन कई महिलाए उद्यापन करती है कुछ स्थानों पर लोग गाय के सींगों को सजाते हैं और तांबे के पात्र में इत्र, अक्षत, तिल, जल तथा फूलों को मिलाकर गौ का प्रक्षालन करते हैं। - गौ माता के पैरों में लगी मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाएं। - इस दिन पूजा के बाद गाय को उड़द से बना भोजन कराएं।  मोठ, बाजरा पर रुपया रखकर अपनी सास को दें। कार्यक्रम मेंराधा बसिटा, सोनू कवर, संतोष बसीटा, ममता कवर, सुशीला जाट, सुनीता मेघवंशी, अनिता वैरागी, सपना सोलंकी, सुरमा लोहार, समध कवर, अनुराधा, रीना, रेखा, रीना कवर, शीतल सेन , रामकन्या मीणा उपस्थित रहे।

शास्त्री नगर स्थित राम मंदिर में बच्छ बारस का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। हेमेंद्र व्यास ने बताया कि क्षेत्रीय महिलाओं ने गाय व बछड़े की पूजा की। 

  शास्त्री नगर ए सेक्टर में भी बच्छ बारस पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह नजर आया। महिलाओं ने गौमाता की पूजा अर्चना की।

कोदूकोटा सदर बाजार की महिलाओं ने अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए गौ माता और  बछड़े की पूजा अर्चना की. महिलाओ ने कहा की आज के  दिन महिलाएं गौ माता का दूध दही और चक्कू से कटी हुई सब्जी का भी सेवन नहीं करती है और इस दिन गेहूं के आटे से बनी रोटी नहीं खाती है और मक्की की रोटी खाती है . सूखे चने को भिगोकर गौ माता को खिलाती है और गौ माता की पूजा करती है. इस मौके पर कृष्णा कोठारी लाजवंती शर्मा मंजू पारीक सुनीता सरिता पूनम सुरभि कमला अंजना सोनू सुमन लीला सीमा कैलाशी कृष्णा पारीक प्रेम रीना आदि महिलाएं मौजूद थी


गुरला ( सत्यनारायण सेन ) महिलाओं ने बछ बारस का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया। महिलाओं ने व्रत उपवास रख गाय व बछड़े की पूजा कर पुत्र की दीर्घायु व घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। वहीं महिलाओं ने कहानियां सुनी। महिलाओं ने दिनभर चाकू से कटे व अन्न का त्याग किया। केवल मक्का, चना, मूंग, मोठ आदि खाने में काम लिया। कारोई, रामपुरिया,तिलोली, एकलिंगपुरा में भी बछ बारस का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। गांवों और कस्‍बाेेंं में सुबह से ही महिलाएं उत्‍साह से पूजा करती द‍िखाई दी। इस दौरान मीरा सेन, रेखा सेन, मधु सेन, जया श्रौत्रिय, प्रेमलता दाधीच, उषा सेन, पायल सेन,सीमा दाधीचदाधीच साथ ही कई महिला मौजूद रहीं

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