बैंक खातों में नॉमिनी जोड़ने के नियम आज से बदले, जानिए क्या हुआ अनिवार्य और क्या वैकल्पिक

Update: 2025-11-01 05:51 GMT

भीलवाड़ा । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर 2025 से बैंक खातों, लॉकरों और सेफ कस्टडी सेवाओं में नॉमिनेशन प्रक्रिया को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य नामांकन प्रक्रिया को आसान, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है ताकि किसी ग्राहक के निधन की स्थिति में उसके कानूनी वारिसों को धन या संपत्ति प्राप्त करने में दिक्कत न हो।

RBI ने 28 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन में बताया था कि नए नियमों के तहत 31 पुराने सर्कुलरों को खत्म कर दिया गया है। अब “बैंकिंग कंपनियां (नामांकन) नियम, 2025” और “बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025” लागू होंगे।

नए नियमों के तहत ग्राहक अधिकतम चार लोगों को नॉमिनी के रूप में जोड़ सकते हैं। ग्राहक चाहें तो सभी नॉमिनियों को बराबर अधिकार दे सकते हैं या फिर उत्तराधिकार का क्रम तय कर सकते हैं कि पहले किसे अधिकार मिलेगा और बाद में किसे।

संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब हर बैंक को अपने सभी ग्राहकों को नॉमिनेशन की सुविधा देना अनिवार्य होगा। चाहे खाता बचत, चालू या सावधि जमा का हो, या फिर लॉकर और सेफ कस्टडी से जुड़ा हो — सभी में नॉमिनी जोड़ने की सुविधा देनी होगी।

हालांकि, नॉमिनी जोड़ना ग्राहक के लिए पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा। RBI ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति नॉमिनी नहीं जोड़ना चाहता, तो उसे इस निर्णय की लिखित घोषणा देनी होगी। अगर ग्राहक यह घोषणा देने से भी इनकार करता है, तो बैंक को इस बात का उल्लेख अपने रिकॉर्ड में करना होगा।

आरबीआई ने यह भी कहा कि कोई भी बैंक केवल इस आधार पर खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता कि ग्राहक ने नॉमिनी नहीं जोड़ा है। जब तक बाकी सभी औपचारिकताएं पूरी हैं, खाता खोला जाना अनिवार्य होगा।

नए दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों को नॉमिनेशन से जुड़े हर अनुरोध को अधिकतम तीन कार्यदिवस के भीतर पूरा करना होगा। चाहे नॉमिनेशन दर्ज कराना हो, संशोधित करना हो या रद्द करना हो — सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाने जरूरी हैं।

अगर नॉमिनेशन फॉर्म अधूरा हो या उसमें कोई त्रुटि पाई जाए, तो बैंक को तीन दिनों के भीतर ग्राहक को कारण बताकर लिखित रूप से सूचित करना होगा।RBI का कहना है कि इन प्रावधानों से न केवल ग्राहक सुविधा बढ़ेगी, बल्कि बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और भरोसा भी मजबूत होगा।

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