राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा फैसला — MBBS में प्रवेश के लिए 11वीं में बायोलॉजी अनिवार्य नहीं

Update: 2025-11-24 19:06 GMT



जयपुर।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण_ORDER_ सुनाते हुए साफ कर दिया है कि MBBS में प्रवेश के लिए 11वीं कक्षा में बायोलॉजी पढ़ना आवश्यक नहीं है।

अदालत ने कहा कि यदि विद्यार्थी ने 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी और अंग्रेजी विषय किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास किए हैं, तो वह NEET-UG और MBBS प्रवेश के लिए पात्र है—भले ही 11वीं में बायोलॉजी न पढ़ी 

कौन-सा मामला था?

यह फैसला जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी ने छात्र गोपालसिंह की याचिका पर सुनाया।

गोपालसिंह ने NEET-UG 2025 में 550 अंक (99.43 परसेंटाइल) हासिल किए थे।

उसे EWS कैटेगरी में

पहले बाड़मेर मेडिकल कॉलेज

फिर श्रीगंगानगर मेडिकल कॉलेज

में सीट मिली थी।

लेकिन दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान उसकी उम्मीदवारी यह कहते हुए रद्द कर दी गई कि उसने कक्षा 11 में बायोलॉजी नहीं पढ़ी थी, जबकि उसने 12वीं में बायोलॉजी "अतिरिक्त विषय" के रूप में पास की थी।

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राज्य सरकार का तर्क

सरकार ने अदालत में कहा कि—

काउंसलिंग चेकलिस्ट के अनुसार 11वीं की मार्कशीट आवश्यक है।

पुराने 1997 विनियमों के अनुसार MBBS प्रवेश के लिए 11वीं और 12वीं दोनों में बायोलॉजी होना जरूरी है।

12वीं के बाद "अतिरिक्त विषय" के रूप में बायोलॉजी लेने से पात्रता नहीं बनती।

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NMC के नए नियमों ने स्थिति बदली

सुनवाई में National Medical Commission (NMC) की Graduate Medical Education Regulations–2023 पेश की गईं, जो 2 जून 2023 से लागू हैं।

इनमें स्पष्ट कहा गया है कि—

> NEET-UG के लिए 12वीं में Physics, Chemistry, Biology/Biotechnology और English पर्याप्त हैं।

11वीं कक्षा में इन विषयों का अध्ययन अनिवार्य नहीं है।

न्यायालय ने माना कि

1997 के नियम अब अप्रासंगिक हो चुके हैं।

काउंसलिंग चेकलिस्ट किसी भी सूरत में NMC के नियमों से ऊपर नहीं हो सकती।




 


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छात्र को राहत — तुरंत MBBS में प्रवेश का आदेश

अदालत ने

1 अक्टूबर 2025 का वह ईमेल रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित किया गया था।

अधिकारियों को आदेश दिया कि उसके दस्तावेज़ एक सप्ताह में दोबारा सत्यापित किए जाएं।

और उसे MBBS प्रथम वर्ष में तुरंत प्रवेश दिया जाए।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि छात्र को बिना किसी देरी कक्षा में शामिल होने दिया जाए।

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