9 जुलाई को मनाई जायेगी बाबा गंगाराम साहब की वरसी
भीलवाड़ा हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में आराध्य गुरूओं के वार्षिकोत्सव में विविध पाठ-पारायण, पूजन-अर्चन, सत्संग, प्रवचन के साथ साथ नित्य यज्ञ, हवन, आध्यात्मिक अनुष्ठान चंद्र मात्रा साहब वाणी संपादित हो रहे हैं। उदासीन निर्वाण मण्डल संतों महापुरूषो के दर्शन का लाभ अनुयायियों ने प्राप्त किया। प्रतिदिन अन्नपूर्णा रथ से कच्ची बस्तियों में प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
8 जुलाई सोमवार को वार्षिकोत्सव के तृतीय दिन सत्संग प्रवचन की श्रृंखला में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में संत मयाराम, संत राजाराम, बालक इंद्रदेव, कुणाल, सिद्धार्थ, मिहिर ने भजन एवं नाम धूनी लगा कर गुरूओं का गुणगान किया। स्वामी ने भजन मुहिंजे मन में प्यास आ, दर्शन कराये तूं एवं दर्शन मांगहूं देवो पियारे, तुम्हरी सेवा कवन कवन न तारे भजन प्रस्तुत करते हुए बताया कि जब तक अन्तःकरण में प्रकाश न हो, केवल इन्द्रिय चक्षुओं द्वारा दर्शन करने से ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती। अनेक प्रज्ञा चक्षु संतो ने मन की आंखो से दर्शन करते हुए भी ईश्वर को प्राप्त कर लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम कुछ ऐसा पहनावा, आचरण अथवा व्यवहार करते है जिससे दूसरे व्यक्ति के मन में पाप उत्पन्न होता है तो इस दृष्टि दोष का भागी भी हमें ही होना पड़ेगा।
ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजमेर के महंत स्वरूपदास उदासीन ने भजन- जेको राम नाम चवन्दो संसार मां तरन्दो एवं शांतानंद उदासीन आश्रम पुष्कर के महंत हनुमानराम उदासीन ने ओ मुहिंजा गुरूबाबा तुहिंजी याद सताये थी, गोविन्द धाम भीलवाड़ा के संत किशनदास ने आयो ऐहिड़ो डिंह मुहिंजो भाग गुरूअ चमकायो आहे भजन प्रवचन प्रस्तुत किये। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद उज्जैन से वाल्मीकि समाज के स्वामी उमेशनाथ महाराज, महाराष्ट्र सिन्धु नगर उल्लासनगर से ईश्वरदास अर्जुनदास, राजकोट के स्वामी अमरलाल, इन्दौर के स्वामी माधव दास, स्वामी गुरुचरण दास, स्वामी मोहनदास संत संतदास चंदन, गांधीधाम के दर्शनदास सहित अनेक संतगण महापुरूष सम्मिलित हुए।
संत गोविंदराम ने बताया कि वार्षिकोत्सव के चतुर्थ दिन 9 जुलाई मंगलवार को सतगुरु बाबा गंगाराम साहब जी के 28वें वरसी उत्सव के अंतर्गत सतगुरु की समाधि पर ध्यान पूजन अर्चन होगा। जगतगुरू उदासीनाचार्य चन्द्र महाराज की वाणी ग्रंथ श्रीचन्द्र सिद्धांत सागर के अखण्ड पाठ पूर्ण होने पर भोग साहब पड़ेगा। संतो-महापुरूषों के सत्संग कीर्तन भजन होकर प्रार्थना होगी। संतो महात्माओं का भंडारा एवं आम भंडारा होगा। सायंकाल में नितनेम के अलावा सत्संग व पल्लव प्रार्थना होगी।