राजस्थान की धरा पर आध्यात्मिक चेतना का दिव्य संचार मानवता और युवा ऊर्जा के संग
आसींद मंजूर
आसींद, 14 फरवरी 2025:- परम श्रद्धेय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं सत्कार योग्य निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में 16 फरवरी 2025 को उदयपुर के गीतांजलि एनक्लेव, मीरा नगर ओपेरा गार्डन के पास, शोभागपुरा सौ फीट रोड पर गुजरात और राजस्थान का संयुक्त राज्य स्तरीय निरंकारी संत समागम भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है। प्रातः 11:00 से सायं 4:00 बजे तक आयोजित होने वाले इस दिव्य अवसर को लेकर श्रद्धालु भक्तों में अपार श्रद्धा और उल्लास का संचार हो रहा है। समर्पित भक्तगण तन, मन और धन से इस शुभ आयोजन की तैयारियों में तल्लीन हैं, जिससे यह समागम एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आध्यात्मिक संगम के रूप में स्थापित हो सके।
आसींद ब्रांच के मीडिया सहायक नरेंद्र मीणा ने बताया कि इस पावन संत समागम में प्रेम, शांति और एकता की दिव्य धारा प्रवाहित होगी, जो संपूर्ण मानवता को आध्यात्मिक जागरण की ओर प्रेरित करेगी। सतगुरु माता जी की दिव्य वाणी से श्रद्धालु भक्त सद्भाव, समर्पण और आत्मिक उत्थान का अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर राजस्थान, गुजरात, एवं आसींद के आसपास के क्षेत्रों तथा ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में भक्तजन एकत्रित होकर इस दिव्य महासंगम के साक्षी बनेंगे और सत्संग के मधुर आनंद का रसपान करेंगे।
समागम स्थल पर सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं ताकि प्रत्येक श्रद्धालु को दिव्यता और भक्ति का अद्भुत अनुभव प्राप्त हो। भक्तजन पूरी निष्ठा और सेवाभाव से समागम स्थल को स्वच्छ, सुंदर और सुव्यवस्थित बनाने में योगदान दे रहे हैं। लंगर, प्याऊ, चिकित्सा सुविधा, पार्किंग और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन भी इस आयोजन की सफलता हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है।
इस संत समागम से पूर्व युवाओं को प्रेरित करने और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को रचनात्मक दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से 14 एवं 15 फरवरी को ‘निरंकारी यूथ सिम्पोजियम’ का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष आयोजन में आसींद सहित राजस्थान एवं गुजरात राज्यों के युवा श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लेंगे ।जिसमें विविध प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को आत्मिक शांति, अनुशासन और प्रेम के मार्ग पर अग्रसित करने का प्रयास किया गया। यह सिम्पोजियम केवल एक कार्यक्रम भर नहीं था, अपितु इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को आध्यात्मिकता से जोड़ते हुए उनमें सेवा, एकता और समर्पण की सच्ची भावना को जागृत करना था।
निसंदेह आध्यात्मिक शांति, प्रेम और विश्वबंधुत्व का यह दिव्य संगम भक्तों एवं आने वाले अनुयायियों के जीवन को सार्थकता प्रदान करेगा, जहां हर हृदय सेवा, समर्पण और सत्य की भावना से ओत-प्रोत होकर आत्मिक आनंद की दिव्य अनुभूति करेगा। इस पावन संत समागम में सभी श्रद्धालु भक्त, नगरवासी, बुद्धिजीवी एवं प्रभु प्रेमी जन सादर आमंत्रित है।