बिजली विभाग में हो रहे लगातार निजीकरण का किया विरोध

By :  vijay
Update: 2025-03-16 14:12 GMT

आसींद मंजूर आसींद_ रविवार को आसींद में विधायक जब्बर सिंह सांखला के निवास पर विद्युत विभाग के बड़ी संख्या में कर्मचारियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नाम ज्ञापन सोपा ,ज्ञापन में बताया गया की विद्युत निगमों में हो रहे अंधाधुंध निजीकरण को रोकने की मांग रखी

वर्ष 1957 में राजस्थान राज्य विद्युत मण्डल का गठन हुआ था। इसके उपरांत राज्य सरकार द्वारा 19 जुलाई 2000 को विद्युत मंडल का विघटन कर विद्युत के 05 (पांच) निगम बना दिए गए। तदुपरांत वर्ष 2011 से पीपीपी माडल, फ्रेंचाइजी तथा अन्य विभिन्न नामों से विद्युत में निजीकरण की घुसपैठ शुरू हुई जो उत्तरोत्तर बढ़ती गई। इसके अतिरिक्त विद्युत में सीएलआरसी दरों पर स्थायी प्रकृति के सभी कार्य ठेकेदार फर्मों द्वारा कराए जाते रहे हैं। साथ ही उपभोक्ता शिकायत निवारण हेतु एफआरटी, मीटरिंग बिलिंग व कलेक्शन (एमबीसी) जीएसएस रखरखाव कार्य आदि सभी ठेके पर चल रहे हैं। माह जनवरी 2025 से एक निजी फर्म BCITS (Pvt) Ltd. को यूटिलिटी बिलिंग सिस्टम (UBS) के अधीन स्पॉट बिलिंग का कार्य भी शुरू किया गया है जो नितांत अव्यावहारिक तथा निगम को हानि पहुंचाने वाला है। विद्युत निगम के अधिकांश व्रतों के अधीन उपभोक्ता छितराए हुए तथा पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले है जिनके विद्युत कनेक्शन के मीटर की मासिक आधारित स्पोर्ट बिलिंग अल्प अवधि में किया जाना दुष्कर एवं कार्मिकों को मानसिक संताप तथा शोषण से पीड़ित किए जाने वाला कृत्य है।

विद्युत निगम में उपरोक्त स्थाई / अस्थाई प्रकृति के सभी कार्यों का अंधाधुंध निजीकरण कर निजी एजेंसियों/ठेकेदार फर्मों के हाथो में देने के अतिरिक्त अभी हाल ही में हाइब्रिड एनयूईटी माडल (HAM) के अधीन विद्युत निगम के सभी प्रकार के विद्युत कार्यों यथा जीएसएस संचालन, रखरखाव, फीडर पृथक्करण, फीडर से जुड़े सभी कार्य यथा संचालन-रखरखाव, बिजली आपूर्ति करने, नई लाइन खड़ी करने, लोड नियंत्रण रखने, विद्युत फॉल्ट निकालने, विद्युत आपूर्ति सुचारू करने सहित सभी विद्युत कार्य इस मॉडल के अधीन निजी कंपनियों के पास दिए जाने हेतु टेंडर किए गए हैं। इस मॉडल के अधीन निजी कंपनियां विद्युत उपकेंद्र के आसपास सरकारी जमीनों पर सोलर प्लांट लगाकर विद्युत उत्पादन कर, विद्युत निगम को विद्युत विक्रय करेंगी। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार वित पोषित RDSS योजना के अधीन आधारभूत विद्युत वितरण तंत्र को विकसित करने एवं विद्युत वितरण को प्रभावी बनाने संबंधी कार्य भी निजी एजेंसी / फर्म द्वारा कराए जा रहे हैं।

उक्त प्रकार से विद्युत निगम में निजीकरण के कुप्रभाव से आज यह उद्योग 140 हजार करोड़ रुपए से अधिक के घाटे से जूझ रहा है। विद्युत के निजीकरण से आम जनता, उपभोक्ता, विद्युतकर्मी तथा युवा तकनीकी प्रशिक्षित / अप्रशिक्षित वर्ग निम्न वर्णित कुप्रभावों से पीड़ित होंगे-1. विद्युत के निजीकरण से जीएसएस तथा आसपास की सरकार की जमीनें बिना किसी प्रतिफल के निजी हाथों में चली जाएगी।2. आम उपभोक्ता एवं किसान को महंगी बिजली मुहैया होगी।3. युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे।4. निजी कंपनियों की मनमानी के चलते आम जनता की कोई सुनवाई नहीं होगी एवं जनता का शोषण होगा।5. विद्युत जैसे आधारभूत उद्योग के निजी हाथों में जाने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और अधिक कमजोर होगी।

जिन-जिन प्रदेशों में विद्युत जैसे उद्योग का निजीकरण किया गया वहां वे निष्फल रहे एवं बाध्य होकर वापस विद्युत उद्योग को सरकारी तंत्र में लाना पड़ा है।

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ (भारतीय मजदूर संघ) राष्ट्रीय विचारधारा का संगठन है तथा सदैव राष्ट्र हित, उद्योग हित एवं श्रमिक हित की सर्वोच्च प्राथमिकता से अपना कार्य करता है। राष्ट्र/प्रदेश हित, उद्योग हित एवं श्रमिक हित का सर्वोपरि ध्यान रखते हुए श्रमिक संघ अपनी प्रबल मांग करता है कि मानव मात्र के कल्याण से जुड़े इस उद्योग के निजीकरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए एवं इस आधारभूत उद्योग को राज्य सरकार के अधीन सरकारी नियंत्रण में अपने संसाधनों एवं मानव शक्ति को विकसित करते हुए विद्युत के इस उद्योग को और अधिक सुदृढ़ तरीके से सरकारी तंत्र के रूप में स्थापित किया जाए तथा एक विकसित प्रदेश एवं राष्ट्र के निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाते हुए अपनी कल्याणकारी सरकार की प्रमाणिकता को सत्यापित किया जाए।

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ (भारतीय मजदूर संघ) राष्ट्रीय विचारधारा का हिमायती, अनुशासित एवं लोकतांत्रिक तरीके से अपना कार्य करने वाला संगठन है। विद्युत निगम के निजीकरण को तुरंत प्रभाव से रोकने की प्रबल विनम्र मांग श्रीमान जी से करता है एवं यदि विद्युत निगमों का निजीकरण तुरंत प्रभाव से नहीं रोका गया तो बाध्य होकर श्रमिक संघ आंदोलन की राह पर होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।ज्ञापन सौंपते समय जिला महामंत्री नरेश जोशी,जिलाउपाध्यक्ष जमना लाल रैगर,आसींद इकाई अध्यक्ष देवीलाल शर्मा,सचिव रोशन लाल रैगर, कोषाध्यक्ष पहलाद शर्मा, इकाई अध्यक्ष देवी सिंह खींची, वेद प्रकाश गुर्जर, और समस्त आसींद इकाई के कार्यकर्ता विनोद कुमार जोशी,मुरली लोहार,दिनेश शर्मा, दिनेश मीणा, भगवती प्रसाद, मौजूद रहे

आसींद मंजूर

9413889596

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