मनुष्य जीवन बड़ी मुश्किल से मिला है, इसे मानवता के कार्यों में लगावे: धैर्य मुनि
आसींद (सुरेन्द्र संचेती) मानव जीवन आसानी से मिला हुआ नहीं है, इसे व्यर्थ में नहीं जाने दे, मानव जीवन कितने ही पुण्य कर्म करने के बाद प्राप्त होता है। स्वयं की आत्मा को जान गए तो आप अपने आप दुनिया को पहचान जाओगे , हमे आत्मा को जानने और पहचानने की आवश्यकता है। यह शक्ति केवल मानव को ही मिली हुई है, दूसरे जीवों को नहीं मिली हुई है। हमे अपने दुर्गुणों का त्याग करके सद्गुण की राह पर चलना है। दैनिक व्यवहार में मानवता का ध्यान रखे, जिस व्यक्ति के पास मानवता नहीं है, वह मनुष्य लाइक नहीं है। मानवता के संस्कार परिवार और संगत से प्राप्त होते है हमारी संगत अच्छे संस्कारित धार्मिक लोगों के साथ रहे यह प्रयास होना चाहिए। उक्त विचार संत धैर्य मुनि ने धर्मसभा में व्यक्त किए।
प्रवर्तिनी डॉ.दर्शन लता ने कहा कि जो हर एक क्षण को पहचानता है वह पंडित है। पंडित वह है जो पाप से डरता है। हमे भूतकाल और भविष्य काल की चिन्ता नहीं करके हमे हमारा वर्तमान सुधारना चाहिए, अगर वर्तमान सुधर गया तो अपने आप ही भूत और भविष्यकाल सुधर जाएगा। जो आत्मा मिथ्यात्व से सम्यकत्व की राह पर आ जाती है उसका जीवन सुधर जाता है। हमे वर्तमान पर फोकस करना है , हमारा वर्तमान अच्छा हो हम पाप से बचे और पुण्य के कार्य करे तो हमारा जीवन आनंदमय होगा।
साध्वी ऋजु लता ने कहा कि जब तक कर्मों का क्षय नहीं होगा तब तक जन्म और मरण चलता रहेगा। जिस व्यक्ति को परलोक की चिंता है वह व्यक्ति धर्म से जुड़ जाता है। हम परिवार, रिश्तेदार, व्यापार, मित्र के लिए समय निकाल लेते है लेकिन अपनी आत्मा के लिए हमारे पास समय नहीं होता है। यहां से जाओगे तब आपके साथ कोई रिश्ते नाते वाला साथ नहीं आयेगा। साथ अगर कोई आयेगा तो आप द्वारा किया गया पुण्य वह साथ आएगा। धर्मसभा में साध्वी श्री ने जीवन पॉलिसी का उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस तरह पॉलिसी जीते जी भी काम आती है और मरने के बाद भी काम आती है, उसी तरह धर्म की पॉलिसी है जो वर्तमान में भी काम आएगी और परलोक में भी काम आएगी। धर्मसभा में ब्यावर से श्री संघ उपस्थित हुआ जिसमें श्रावकों ने एक लाख पच्चीस हजार लोग्गस का पाठ करने एवं 11000 सामायिक करने के प्रत्याख्यान लिए। आसींद निवासी पारस मल तातेड़ ने पांच उपवास के प्रत्याख्यान लिए। बाहर से आए सभी आगंतुकों का संघ के मंत्री अशोक कुमार श्रीमाल ने आभार व्यक्त किया।