सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- सवाईपुर क्षेत्र के चांदगढ़ गांव में 43 दिनों से चला बनास बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन के तहत चला रहा धरना प्रदर्शन का सोमवार को वार्ता के बाद समापन हो गया । जिस पर संघर्ष समिति के सदस्यों व ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मुंह मीठा करवाकर पटाखे फोड़े तथा संघर्ष व एकता की जीत बताई । आकोला गांव के पास से गुजर रही बनास नदी में लीज धारक महादेव एंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के खिलाफ ग्रामवासियों द्वारा पिछले 42 दिनों से जारी संघर्ष आखिर सोमवार को समाप्त हो गया । आरएलपी नेता लादूराम गोदारा के निर्देश पर आज सोमवार दोपहर बाद ग्रामीण ट्रैक्टर रैली के साथ बनास नदी किनारे पहुंचे । जैसे ही प्रदर्शनकारी नदी किनारे पहुंचे, प्रशासन सक्रिय हुआ और वार्ता के लिए सहमत हो गया । बनास नदी किनारे भीलवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन, मांडलगढ़ पुलिस उपाधीक्षक बाबुलाल विश्नोई, कोटड़ी तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह चौधरी, नायब तहसीलदार मदनलाल शर्मा, बीगोद थाना प्रभारी जय सुल्तान, कोटड़ी थाना प्रभारी महावीर प्रसाद मीणा, बड़लियास थाना पुलिस तथा भीलवाड़ा पुलिस जाब्ते सहित 150 से अधिक पुलिस बल तैनात रहा । वार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन ने आंदोलन समिति के सदस्यों लादूराम गोदारा, राजेंद्र जाट, बनालाल जाट, श्रवण गुर्जर, देवकिशन जाट, राधेश्याम जाट, नारायण जाट, जुगना सुवालका से वार्ता की । वार्ता के बाद इन प्रमुख मांगो पर बनी सहमति नदी में JCB मशीनों का स्थाई रूप से उपयोग पूरी तरह बंद रहेगा । पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ लगाए जाएंगे । ग्रामीण ट्रैक्टरों को नदी से काटे पर डालने पर प्रति टन का भुगतान निर्धारित किया । नदी क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और माइनिंग विभाग समय-समय पर निरीक्षण करेगा । वहीं एडिशनल एसपी पारस जैन ने शांतिपूर्ण आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि यदि प्रशासन या ठेकेदार पक्ष गलत पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी । बनास बचाओ आंदोलन में चांदगढ़, जीवा खेड़ा, दोवनी, रघुनाथपुरा सहित अन्य कई गांवों का योगदान रहा, जिस संघर्ष समिति के सदस्यों ने आभार व्यक्त किया ।।