फार्मर आईडी बनेगी किसानों की सबसे बड़ी पहचान, कृषि से जुड़ी हर योजना और सुविधा इसी से मिलेगी
केंद्र सरकार की एग्रीस्टैक योजना के तहत राजस्थान में पांच फरवरी दो हजार पच्चीस से किसान भूमि रिकॉर्ड को आधार, मोबाइल नंबर और खतौनी से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। आने वाले समय में खेती से जुड़ी लगभग हर सरकारी सुविधा के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य हो जाएगी। इसमें समर्थन मूल्य पर फसल बेचना, कृषि यंत्र खरीदना, केसीसी और फसली ऋण लेना, खाद और बीज प्राप्त करना जैसी सभी सेवाएं शामिल रहेंगी।
फार्मर आईडी शुरू होने से अतिक्रमण, गलत गिरदावरी रिपोर्ट और फर्जीवाड़े पर भी रोक लग सकेगी। किसान के नाम पर कितनी कृषि भूमि है, किस खाते में है और उसकी वास्तविक स्थिति क्या है, सब कुछ स्पष्ट रूप से सामने आ जाएगा। बेनामी संपत्तियों की पहचान भी इसी प्रक्रिया से संभव होगी। सरकार ने पंचायत स्तर तक कैंप लगाकर किसानों के रजिस्ट्रेशन में तेजी लाई है, वहीं मोबाइल ऐप भी जल्द जारी किया जाएगा।
जो किसान रजिस्ट्रेशन से छूट गए थे, उनके लिए अब सीएससी, ई मित्र और पटवारी की आईडी से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। जल्दी ही फार्मर रजिस्ट्री सेल्फ ऐप लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद किसान खुद अपनी जानकारी अपडेट कर सकेंगे। जमीन जोड़ने और संशोधन का काम पटवारी और तहसीलदार की मंजूरी के बाद पूरा होगा। ऐप के शुरुआती संस्करण में सफल ई केवाईसी के बाद किसान अपना डिजिटल किसान कार्ड देख और डाउनलोड कर पाएंगे। आधार से डेटा सिंक करने, मोबाइल नंबर अपडेट करने और रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की सुविधा भी इसमें रहेगी।
शिकायत दर्ज कराने से लेकर उसकी स्थिति देखने तक की सुविधा भी किसानों को इसी आईडी पर मिलेगी। पंजीकृत किसान अपनी आईडी में जुड़ी सभी भूमि का पूरा रिकॉर्ड देख सकेंगे, जिसमें खाता नंबर, खसरा संख्या, कुल रकबा, तहसील और जिला जैसी जानकारी शामिल रहेगी। फसलवार विवरण भी उपलब्ध रहेगा। यदि पटवारी ने गिरदावरी में कोई गलती दर्ज की है, तो किसान उसके सुधार के लिए अनुरोध कर सकेंगे। हर बदलाव पटवारी और तहसीलदार की जांच और मंजूरी के बाद ही लागू होगा। भविष्य में सम्मान निधि और अन्य अनुदान भी इसी आईडी पर आधारित होंगे।
अब तक प्रदेश के लगभग नब्बे प्रतिशत किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी है, जबकि दस प्रतिशत किसान अभी भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं। ऐसे किसान नजदीकी सीएससी या ई मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। जैसे आधार और जन आधार कार्ड को कई योजनाओं के लिए जरूरी किया गया था, उसी तरह फार्मर रजिस्ट्री आईडी भी अब कृषि कार्यों की अनिवार्य पहचान बनने जा रही है।
