लाडपुरा (शिव लाल जांगिड़)। क्षेत्र में इन दिनों यूरिया खाद की किल्लत और कृषि विभाग की अनदेखी के कारण किसानों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे की ग्राम सेवा सहकारी समिति में यूरिया खाद के साथ अनुचित टैगिंग और अधिक वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं। बरसात के बाद फसलों की बढ़ती मांग के बीच समिति के कर्मचारी सरकारी दरों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। स्थिति यह है कि कई किसानों को बिल देने से भी मना किया जा रहा है।
अधिक दाम पर खाद खरीदने को मजबूर किसान
लाडपुरा के किसानों ने बताया कि 45 किलो के यूरिया कट्टे की सरकारी दर 266.50 रुपये है, लेकिन समिति में इसे 350 रुपये में बेचा जा रहा है। किसानों का आरोप है कि कर्मचारियों द्वारा यूरिया के साथ जबरन सल्फर खाद लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। समय पर खाद उपलब्ध न होने से उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों का कहना है कि सरकार भले ही सस्ती खाद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही हो, लेकिन स्थानीय स्तर पर कालाबाजारी ने इन प्रयासों को कमजोर कर दिया है। किसानों ने पारदर्शिता लाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ट्रैक्टर किराए में भी मनमानी के आरोप
समिति को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रैक्टर के उपयोग में भी अनियमितताएँ सामने आई हैं। किसानों का कहना है कि बाजार में एक बीघा जोतने का रेट 350 रुपये है, लेकिन समिति कर्मचारी भी इतनी ही राशि मांग रहे हैं और कम दर पर काम करने को तैयार नहीं होते। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है।
इनका कहना है
सहकारी समिति को सल्फर खाद टैगिंग उत्पाद के साथ ही दिया जा रहा है।
कैलाश चंद्र तेली, व्यवस्थापक, ग्राम सेवा सहकारी समिति, लाडपुरा
