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*हमीरगढ़(राजाराम वैष्णव)* भारत की आध्यात्मिक परंपरा में गुरु को साक्षी मानकर संकल्प लेना एक महत्वपूर्ण और पवित्र कार्य माना जाता है। इसी कड़ी में, श्री निमड़ी वाले सगस जी नाकोड़ा भैरव धाम के प्रमुख धनराज शर्मा के सान्निध्य में रविवार को सादी गांव निवासी बाल किशन दास(बालू दास) वैष्णव ने नशा जैसी बुराइयों को त्यागकर और आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने का संकल्प लिया। धनराज शर्मा ने बताया कि व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण, शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाता है। इस प्रकार, गुरु के सामने नशा त्याग कर आजीवन ब्रह्मचर्य का संकल्प लेना एक व्यक्ति के जीवन में एक बड़े परिवर्तन का द्योतक है। यह न केवल ऑप्टिशन व्यक्ति को एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन की ओर ले जाता है, बल्कि उसे आध्यात्मिक शांति और उन्नति के मार्ग पर भी अग्रसर करता है।