भोले बाबा का ही राजस्थान कनेक्शन, पेपर लीक मामले में जुड़े सकता है नाम
हाथरस में जिस बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोग मारे गए, उस बाबा का भक्त राजस्थान में पेपर लीक का आरोपी है। दौसा में जिस मकान में बाबा का आश्रम था, उसको सरकार ने सीज किया हुआ है। इस मकान के बाहर बाबा के नाम से बोर्ड भी लगा हुआ है, जहां पहले सत्संग हुआ था और काफी लोग शामिल हुए थे।बता दें कि बाबा भोले दौसा शहर के आगरा रोड पर गोविंद देव जी मंदिर के सामने कॉलोनी में कई दिनों तक अपना दरबार लगाते थे। मजे की बात यह है कि यह दरबार आम भक्तों के लिए नहीं, बल्कि स्पेशल भक्तों के लिए होता था। अब जब बाबा भोले का दौसा से भी कनेक्शन सामने आने लगा तो दौसा से पेपर लीक मामले में पहले से एसओजी द्वारा गिरफ्तार आरोपी हर्षवर्धन पटवारी के मकान में बाबा का भव्य दरबार लगता था, जिसके तहत अब लग रहा है कि पेपर लीक मामले में बाबा भी कहीं न कहीं दोषी हो सकते हैं।
लोगों की माने तो भव्य दरबार में हजारों की संख्या में उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगहों से लोग दौसा स्थित दरबार में पहुंचते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि अनजान व्यक्ति की बाबा भोले के समागम के दौरान आने पर पूर्ण पाबंदी रहती थी। स्थानीय लोगों का तो यहां तक भी कहना है कि बाबा भोले की प्राइवेट सुरक्षा दर्जनों गार्ड की तैनाती रहती थी। इसके चलते आम आदमी बाबा से नहीं मिल सकता था। यदि ज्यादा मजबूरी हुई तो आधार कार्ड जांच के बाद ही दरबार जाने की अनुमति मिलती थी।
बताते चलें, पहले से प्रदेश की एसओजी पेपर लीक मामले में सतर्क और सक्रिय बनी हुई है। अब बाबा भोले की तलाश भी शुरू हो गई है। फिलहाल, हर्षवर्धन पटवारी के मकान को एसओजी की कस्टडी में सील किया हुआ है और हर्षवर्धन एसओजी की गिरफ्त में है। बताया तो यह भी जा रहा है कि बाबा भोले हाइवे पर स्थित गाव कांदोली में भी दो-तीन बार दरबार लगाया था। बाबा के खुद अपने सेवादार ही बाबा की तमाम व्यवस्था संभालते थे। जो यूपी, हरियाणा और पंजाब से होते थे