विवादास्पद ढांचे के ढहाने के साथ ही रखी गई रघुनाथ मंदिर की नींव
मांडल अयोध्या नगरी का मांडल कस्बे में स्थापित रघुनाथ मंदिर से सीधा संबंध बना हुआ हैं मूर्ति से लेकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तक कही ना कही इसका संबंध दिखाई देता है, भीलवाड़ा मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मांडल कस्बा अपने आप में धार्मिक और सामरिक दृष्टि से अपना महत्व रखता हैं वही धर्म नगरी के रूप में भी अपनी एक अलग ही पहचान रखता है , यहां के स्थानीय लोग बड़े धर्म कर्म को मानने ओर करने में विश्वाश रखते हैं। अयोध्या में जहां राम जन्म भूमि के ऊपर से देश भर के रामभक्त नौजवानों ने 6 दिसम्बर 1992 को विवादास्पद ढांचे को गिराने का काम कर रहे थे उसी शुभ बेला में मांडल कस्बे के तड़बा मोहल्ले में स्थापित रघुनाथ भगवान के मंदिर के जीर्णोद्धार की नींव में पत्थर रखने का विद्वानों द्वारा विधि विधान ओर मंत्रोच्चार के बीच स्थानीय निवासियों द्वारा कार्य किया जा रहा था जो कि दो वर्ष तक चला था ।
जीर्णोद्धार के साथ ही वार्षिक महोत्सव की नींव रखी गई
मांडल कस्बे के तड़बा मोहल्ले में बीते 32 वर्षों से हर वर्ष मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के दिन यानी 24 फरवरी को रघुनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार वार्षिक महोत्सव के रूप में स्थानीय निवासियों द्वारा मनाया जाता है, इस दिन मोहल्ले वासियों के घरों में भगवान रघुनाथ जी के लिए भोग लगाने के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते है और शाम को शयन आरती के साथ भोग लगाया जाता हैं और भोग में आए व्यंजन को प्रसाद के रूप में बाटा जाता है और इस दिन मंदिर को दुल्हन की तरह आकर्षक लाइट और फूलों से सजाया जाता हैं , वही मंदिर में स्थापित 200 वर्ष पुरानी काले पत्थर से बनी मूर्ति का भी आकर्षक वेशभूषा के साथ श्रृंगार किया जाता है।
घरों में बने व्यंजन का लगता हैं भोग
भेरू लाल तड़बा ने बताया कि भगवान रघुनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार वार्षिक गांठ पर विगत 32 वर्षों से आयोजन किया जा रहा है सामूहिक रूप से घरों में बने व्यंजन को प्रसाद के रूप में संध्या कालीन आरती के साथ भोग लगाकर प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता हैं वही युवाओं ओर स्थानीय निवासियों द्वारा रामायण पाठ किया जाता है। वही सोमवार को भगवान रघुनाथ जी के वार्षिक महोत्सव में 2100 दीपक लगाकर स्वास्तिक बनाया गया ओर युवतियों और महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए।
200 वर्ष से अधिक पुराना मंदिर
भगवान रघुनाथ जी का ये मंदिर कस्बे के तड़बा मोहल्ले में स्थित हैं जो कि 200 वर्षों से अधिक प्राचीन चमत्कारी मंदिर हैं भगवान रघुनाथ जी की मूर्ति प्राचीन काले पत्थर से निर्मित है जो कि बहुत ही आकर्षक ओर सुंदर हैं, यहां जो भी मनोकामना मांगी जाती हैं वो पूरी होती हैं मोहल्ले वासियों ने बताया कि इस मोहल्ले में आज दिन तक चोरों ओर उच्चकों का प्रवेश नहीं हुआ हैं स्थानीय लोगों द्वारा इसे भगवान रघुनाथ जी का चमत्कार ही मानते है शादी विवाह में बना भोज भी कभी कम नहीं पड़ा है मोहल्ले में रहने वाले परिवारों में एक सदस्य राज्य कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहा है ।