जिला स्तरीय अर्धवार्षिक बैठक में प्रवासी मजदूरों, बाल श्रम व शिक्षा स्वास्थ्य पोषण के अधिकारों पर गहन मंथन

Update: 2025-12-30 12:28 GMT

 

भगवानपुरा  ( कैलाश शर्मा ) सेंटर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन (CLRA) संस्था के तत्वावधान में जिला स्तरीय अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन माण्डल स्थित पंचायत समिति सभागार में किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रवासी मजदूरों, ईंट भट्टों पर कार्यरत परिवारों तथा उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और बाल श्रम से जुड़े मुद्दों पर विभागीय समन्वय के साथ सार्थक चर्चा करना रहा।

कार्यशाला का संचालन पूजा मेघवाल, जिला समन्वयक, CLRA द्वारा किया गया। उन्होंने CLRA के पाँच वर्षों के कार्यानुभव साझा करते हुए बताया कि प्रवासी मजदूरों व ईंट भट्टों से जुड़े मामलों में आज भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिनमें विभागीय समन्वय की कमी, सेवाओं की पहुँच तथा दस्तावेज़ी प्रक्रियाओं की जटिलता प्रमुख है।

पूजा मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि “बाल श्रम के मुद्दे पर केवल रेस्क्यू करना ही पर्याप्त नहीं है। जब तक बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की समुचित व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक वह बच्चा पुनः उसी परिस्थिति में लौट आता है। कमजोर पारिवारिक आर्थिक स्थिति के कारण बच्चे का बचपन छिन जाता है और वह मजबूरी में बाल श्रम में लिप्त हो जाता है।”

बैठक में श्रम विभाग से शिवप्रसाद चौधरी ने चाइल्ड लेबर (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wages) तथा BOCW (भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण) योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को उनके कानूनी अधिकारों, पंजीयन एवं योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विभाग की क्या भूमिका है और किस प्रकार संस्थाओं के सहयोग से इन योजनाओं की पहुँच बढ़ाई जा सकती है।

राजस्थान ईंट भट्टा मजदूर यूनियन के शैतान रैगर ने ईंट भट्टों पर कार्यरत मजदूरों की दयनीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मजदूर आज भी कम मजदूरी, असुरक्षित कार्य वातावरण, मूलभूत सुविधाओं की कमी और बच्चों की शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

बैठक में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य के दौरान अपने अनुभव साझा किए। सभी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भले ही कार्यस्थल और क्षेत्र अलग हों, लेकिन ईंट भट्टों और प्रवासी मजदूरों की परिस्थितियाँ लगभग एक जैसी हैं, जो एक गंभीर और व्यापक समस्या की ओर संकेत करती हैं।

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग से रामगणी शर्मा, स्वास्थ्य विभाग से शबीना बी, महिला बाल चेतना समिति से तारा अहलूवालिया, महिला सुरक्षा सलाह केंद्र से रंजना पुरोहित, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से फारूक पठान, चूरिया मुरिया से हेमलता अगवानी, श्रम सारथी से किशन गुर्जर, नवाचार से अनिल कुमार ओझा, भवन शर्मा, परमेश माली, श्याम लाल सहित विभिन्न संगठनों एवं विभागों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि प्रवासी मजदूरों एवं उनके बच्चों तक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी सेवाएँ प्रभावी रूप से कैसे पहुँचाई जाएँ, दस्तावेज़ी प्रक्रियाओं को किस प्रकार सरल बनाया जाए तथा नीति स्तर पर आवश्यक बदलाव किए जाएँ।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने प्रवासी मजदूरों व उनके बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, बाल श्रम की रोकथाम और बेहतर जीवन स्थितियों के लिए आपसी समन्वय एवं संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में CLRA टीम की सक्रिय उपस्थिति रही।

Tags:    

Similar News