भीलवाड़ा। जिले में 1 से 19 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को आंतों के कृमि संक्रमण से बचाने तथा उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 22 अगस्त (शुक्रवार) को आयोजित किया जाएगा। जो बच्चे इस दिन किसी कारणवश दवा नहीं ले पाएंगे, उन्हें 29 अगस्त (शुक्रवार) को मॉप-अप दिवस के तहत एलबेंडाजोल की खुराक दी जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण बच्चों के हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और सीखने की क्षमता पर गंभीर नकारात्मक असर डालता है तथा शारीरिक विकास को धीमा कर देता है। नियमित अंतराल पर कृमि नाशन से न केवल संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है बल्कि बच्चों की सेहत, भूख, ऊर्जा, पढ़ाई में एकाग्रता और प्रतिरोधक क्षमता में भी उल्लेखनीय सुधार होता है। उन्होंने कहा कि कृमि संक्रमण को रोकना बच्चों की सेहत और भविष्य के लिए जरूरी है।
इस अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। प्रशिक्षित शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनियां दवा का सुरक्षित वितरण सुनिश्चित करेंगी। साथ ही दवा देने से पूर्व हाथ धोना, स्वच्छ बर्तन का उपयोग व साफ पानी की उपलब्धता अनिवार्य की जाएगी।
अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. रामकेश गुर्जर ने बताया कि अभियान के तहत जिले के सरकारी-निजी विद्यालयों, उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थानों, मदरसों, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के पंजीकृत व अपंजीकृत सभी बच्चों को एलबेंडाजोल 400 एमजी की खुराक दी जाएगी। यह खुराक 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली चम्मच से चूर कर, पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष तक के बच्चे को एक पूरी गोली चूर कर, पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली (चबाकर, पानी के साथ) दी जाएगी।
कृमि मुक्ति दिवस के सफल आयोजन के लिए जागरूकता अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक बच्चों तक यह दवा पहुंच सके। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को समय पर तैयारी पूर्ण करने और कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
