जीतो की सम्मेद शिखर यात्रा आज रवाना, हजार जैन श्रद्धालु विशेष एसी ट्रेन से निकले

Update: 2025-12-25 16:48 GMT

 


युवाओं को भारतीय संस्कृति और जैन धर्म से जोड़ने के उद्देश्य से जीतो के तत्वावधान में सम्मेद शिखर यात्रा का आयोजन किया गया है। यह यात्रा आज से प्रारंभ होकर 3 जनवरी तक चलेगी। इसमें सकल जैन समाज के लगभग एक हजार श्रद्धालु भाग ले रहे हैं, जिनमें करीब 300 युवा दंपती और लगभग 200 वरिष्ठ नागरिक दंपती शामिल हैं।

यात्रा आज शाम 7 बजे रेलवे स्टेशन से 20 कोच की विशेष एसी ट्रेन के माध्यम से रवाना हुई। इससे पहले सभी यात्री कांचीपुरम के पास स्थित पार्श्वनाथ सोसाइटी में एकत्रित हुए, जहां जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाज के गणमान्य लोगों ने उन्हें शुभकामनाओं के साथ विदा किया। यात्रियों को एकरूपता के लिए रेड जैकेट पहनाई गई और ढोल बैंड बाजे के साथ गंगापुर चौराहा से रेलवे स्टेशन तक शोभायात्रा के रूप में लाया गया। रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों के स्वागत के लिए रेड कारपेट भी बिछाया गया।

यात्रा का पहला पड़ाव 27 दिसंबर को अयोध्या रहेगा, जहां श्रद्धालु भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे तथा हनुमानगढ़ी और सरयू नदी के दर्शन भी करेंगे। इसके पश्चात जैन समाज के पांच तीर्थंकरों की जन्मस्थलियों का भ्रमण किया जाएगा। 28 दिसंबर को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, 84 घाटों और जैन मंदिरों के दर्शन का कार्यक्रम रहेगा। रात्रि में वाराणसी से प्रस्थान कर यात्रा सम्मेद शिखर के लिए आगे बढ़ेगी।

29 दिसंबर की रात श्रद्धालुओं को धार्मिक परंपरा के अनुसार नंगे पैर लगभग 9 किलोमीटर पहाड़ की चढ़ाई और परिक्रमा करनी होगी। इससे श्रद्धालुओं को अनुशासन, संयम और गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त होगी। 30 दिसंबर को नीचे उतरने के बाद यात्रा पावापुरी की ओर प्रस्थान करेगी। नववर्ष 1 जनवरी को यात्री पावापुरी में प्रवास करेंगे। इसके बाद 2 जनवरी को विशेष ट्रेन से भीलवाड़ा के लिए वापसी होगी, जो 3 जनवरी की रात को पहुंचेगी।

यात्रा संयोजक मनीष शाह ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में भोजन, चाय और नाश्ते की समुचित व्यवस्था की गई है। रात्रि विश्राम स्थलों पर भी भोजन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि संस्कृति और धार्मिक मूल्यों से जुड़ने का भी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। यात्रा के प्रत्येक चरण को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए पूर्ण तैयारियां की गई हैं।

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