राजस्थान सरकार ने ग्राम स्तर पर अटल ज्ञान केंद्र स्थापित किए

Update: 2025-12-08 14:36 GMT



जयपुर/भीलवाड़ा,  । मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्ञान और विकास की नई क्रांति की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को डिजिटल शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और कॅरियर परामर्श जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों के समर्पित प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विकास, शिक्षा और युवा सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया है।

पिछले दो वर्षों में मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। सरकार ने युवा प्रोत्साहन, ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना इसी दिशा में एक और मील का पत्थर है, जो ग्रामीण युवाओं को शहरों के समकक्ष अवसर प्रदान कर राज्य को ’विकसित राजस्थान’ की ओर अग्रसर कर रहा है। इन केंद्रों से न केवल शिक्षा का प्रसार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। इससे शहर और गांव, सम्पन्न और कम संसाधन वाले लोगों के बीच स्थित ’डिजिटल डिवाइड’’ समाप्त होगी।

अटल ज्ञान केंद्रों की विशेषताएं

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति की नींव को सशक्त करने की दिशा में अटल ज्ञान केंद्र राजस्थान सरकार की एक अनूठी पहल है, जो ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं और नागरिकों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है। प्रत्येक केंद्र में ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध होगी, जहां पुस्तकें और शैक्षणिक सामग्री डिजिटल रूप में मौजूद रहेगी। कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था से युवा ऑनलाइन अध्ययन कर सकेंगे। विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समर्पित सेक्शन होगा, जहां अध्ययन सामग्री उपलब्ध होगी। इसके अलावा, कॅरियर परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी केंद्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। साथ ही केंद्रों में ई-मित्र और कॉमन सर्विस सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिक राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। प्रत्येक केंद्र में एक प्रशिक्षित ’अटल प्रेरक’ नियुक्त किया जाएगा, जो दैनिक संचालन का प्रबंधन करेगा और नागरिकों को सहायता प्रदान करेगा। यह प्रेरक स्थानीय युवा होगा, जिसे विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, इससे स्थानीय रोजगार भी सृजित होगा। अटल ज्ञान केंद्र न केवल शिक्षा का माध्यम बनेंगे बल्कि सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी साबित होंगे।

पहले चरण की प्रगति

अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना के कार्य को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। फेज-1 के अंतर्गत 3,000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम पंचायत मुख्यालयों को प्राथमिकता दी गई है। अब तक 1,274 केंद्रों को चिन्हित किया जा चुका है और इनके लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इस चरण के बाद प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को कवर किया जाएगा ताकि कोई भी ग्रामीण क्षेत्र पीछे न छूटे।

पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान से मिली मजबूत साझेदारी

अटल ज्ञान केंद्रों को और मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के अंतर्गत राजस्थान के लिए 1,047 पंचायत लर्निंग सेंटर (पीएलसी) की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति अटल ज्ञान केंद्रों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी। 232 करोड़ रुपए से अधिक की यह सहायता केंद्रों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, डिजिटल सुविधाएं और प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाएगी। इस सहायता से केंद्रों में उन्नत कंप्यूटर लैब, ई-लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की इस पहल से केन्द्र की राज्यों के साथ साझेदारी और ग्रामीण विकास को मजबूती मिली है, नई दिशा मिली है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस महत्वपूर्ण सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह सहायता राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

अटल ज्ञान केंद्रों की यह पहल राजस्थान सरकार के विजन ’विकसित भारत, विकसित राजस्थान’ को साकार कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार होगा और युवा देश के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनेंगे।

Similar News