सोनियाणा, चित्तौड़गढ़ के सरपंच के निष्कासन पर राजस्थान हाई कोर्ट ने लगाई रोक

By :  vijay
Update: 2025-07-13 15:16 GMT
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भीलवाड़ा -माननीय राजस्थान हाई कोर्ट ने सोनियाणा, चित्तौड़गढ़ की सरपंच लक्ष्मी देवी गुर्जर के निष्कासन/स्थगन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश सरपंच लक्ष्मी देवी गुर्जर (जो सोनियाणा की सरपंच/प्रशासक भी हैं) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। यह आदेश ग्राम सोनियाणा, तहसील गंगरार के पक्ष में जारी किया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नीरज कुमार गुर्जर व आशुतोष शर्मा ने कोर्ट में तर्क दिया कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 38 के प्रावधानों के तहत किसी भी सरपंच या प्रशासक के मामले में प्रारंभिक या विभागीय जांच आवश्यक है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 22 के अनुसार, सरपंच और अन्य सदस्यों को हटाने से पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा एक प्रारंभिक जांच की जानी चाहिए। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा सरपंच या संबंधित सदस्य को आरोप पत्र भेजा जाना चाहिए और हटाने या निलंबित करने से पहले एक जांच अधिकारी द्वारा नियमित जांच पूरी की जानी चाहिए। अधिवक्ताओं ने जोर दिया कि जांच की यह पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय के ठोस सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए।

माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने इन तर्कों से सहमत होते हुए राजस्थान सरकार द्वारा सोनियाणा, जिला चित्तौड़गढ़ के सरपंच/प्रशासक को हटाने के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी है।

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