एनीमिया मुक्ति के लिए मंगलवार को जिले में मनाया शक्ति दिवस

Update: 2025-05-20 12:15 GMT
एनीमिया मुक्ति के लिए मंगलवार को जिले में मनाया शक्ति दिवस
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भीलवाड़ा। शक्ति दिवस के अवसर पर मंगलवार को जिले के चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाडी केन्द्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर एनीमिया की जांच, उपचार और जनजागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। एनीमिया जैसी गंभीर स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण की दिशा में अभियान के तहत बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती एवं धात्री माताओं सहित महिलाओं की एनीमिया नियंत्रण के लिए स्क्रीनिंग की गई, हीमोग्लोबिन की जांच कर उन्हें आवश्यकतानुसार आयरन टैबलेट्स वितरित की गईं तथा छोटे बच्चों को आयरन की खुराक पिलाकर उपचार किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी. पी. गोस्वामी ने बताया कि राजस्थान को एनीमिया मुक्त करने की दिशा में शक्ति दिवस हर माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य राजस्थान को एनीमिया मुक्त बनाना है। इस दिन विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों में एनीमिया की पहचान कर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह अभियान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के समन्वय से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि शक्ति दिवस के तहत न केवल स्क्रीनिंग और उपचार किया गया, बल्कि चिकित्सा कर्मियों द्वारा आमजन को मौसमी बीमारियों की रोकथाम और पोषण संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई। इस पहल से समुदाय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।

निरामय राजस्थान अभियान की थीम ‘‘संतुलित आहार’’ को लेकर किया जागरूक-

शक्ति दिवस अभियान के दौरान “संतुलित आहारः स्वस्थ जीवन की आधारशिला“ के महत्व को समझाते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे निरामय राजस्थान अभियान के अंतर्गत मई माह की थीम ‘‘संतुलित आहार’’ के तहत जनसमुदाय विशेषकर गर्भवती महिलाओं, किशोरियों व बच्चों को पोषण के महत्व के प्रति जागरूक किया। इस अवसर पर चिकित्सा संस्थानों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से संतुलित आहार केवल शारीरिक वृद्धि के लिए नहीं, बल्कि मानसिक विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि तथा संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों एवं पोषण विशेषज्ञों ने उपस्थित महिलाओं व बालिकाओं को बताया कि संतुलित आहार में सभी पोषक तत्वों- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज, जल तथा रेशा- का समुचित मात्रा में होना अनिवार्य है। स्थानीय व मौसमी फल, हरी सब्जियाँ, दालें, दूध, अन्न तथा स्वच्छ जल का नियमित सेवन ही कुपोषण से बचाव का सशक्त माध्यम है। इस दौरान उपस्थित महिलाओं को पोषण थाली के उदाहरण देकर ‘क्या खाएं -क्या न खाएं’ जैसी सरल भाषा में जानकारी देकर उन्हें दैनिक जीवन में संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अतिरिक्त पोषण से जुड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं आदि की जानकारी भी साझा की गई।

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