महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन का 65वां प्राकट्य उत्सव सेवा-सुमिरन से मनाया
भीलवाड़ा। हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन का 65 वां प्राकट्य उत्सव आज 30 दिसम्बर मंगलवार को उत्साह व उमंग के साथ मनाया गया। आश्रम में प्रातःकाल आश्रम के हरि सिद्धेश्वर मंदिर में शिवाभिषेक , जगद्गुरू श्रीचन्द्र महाराज व समाधि वाले सतगुरूओं के पूजन अर्चन से विविध कार्यक्रमो की शुरूआत हुई। पं. रोशन शास्त्री, अशोक व्यास, सत्यनारायण शर्मा व ब्राह्मण मण्डली ने विधि पूर्वक भगवान का अभिषेक कराया। तत्पश्चात् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन हुआ, जिसमें संतो व श्रद्धालुओं ने आहूतियां दी। महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सान्निध्य में संतो व श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए । गौशाला में गौ पूजन कर के गौ माता को लापसी प्रसाद का भोग अर्पित किया गया। अन्न क्षेत्र की सेवा हुई।
सांयकालीन सत्र में सांय 5 बजे संतो-महापुरूषो एवं समस्त सनातन समाज की गरिमामय उपस्थिति में स्वामी का प्राकट्योत्सव समारोहपूर्वक मनाया गया। मंचासीन संतो महात्माओं द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर ब्राह्मणो द्वारा स्वस्ति वाचन हुआ। शस्त्र व शास्त्र का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया। संतो महात्माओं के सानिध्य में सामूहिक हनुमान चालिसा का पाठ हुआ। आश्रम के संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविन्दराम, ब्रह्मचारी बालक इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, कुनाल व मिहिर ने स्वामी जी का माल्यार्पण व तिलक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ओमप्रकाश बूलिया ने स्वामी के प्राकट्य उत्सव की भूमिका के बारे में बताया।
इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी भीलवाड़ा आश्रम पहुंच कर कार्यक्रम में सम्मिलित हुए तथा गुरूदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया।
सनातन सेवा समिति द्वारा समारोह में सम्मिलित समस्त संतो महात्माओं का स्वागत किया गया। महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने आशीर्वचन में कहा कि संत इस समाज की सेवा के लिए धरा धाम पर अवतरित होते हैं,वे किसी परिवार, जाति, वर्ग से संबंध नहीं रखते बल्कि पूरे समाज की साझी संपत्ति हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सनातन धर्म सदैव ही नारियों की सुरक्षा के लिए सजग एवं सचेत रहा है, हमें अपनी बालिकाओं और बहनों को विधर्मियों से बचने के लिए सदैव कृत संकल्प रहना होगा,
हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर द्वारा सनातन संस्कृति का जो प्रचार और प्रसार पूरे विश्व में किया जा रहा है वह सराहनीय एवं अद्वितीय है। नगर के विविध सामाजिक, व्यवसायिक, औद्योगिक संगठनो व संस्थाओ के पदाधिकारियों तथा श्रद्धालुओं द्वारा स्वामी जी का माल्यार्पण, शाॅल, उपरणा, श्रीफल, स्मारिका, प्रतिक चिन्ह इत्यादि से अभिनन्दन करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन खुशबू शुक्ला व पल्लवी वच्छानी ने किया। सनातन सेवा समिति के महासचिव अशोक मूंदड़ा ने आभार व्यक्त किया। समस्त आगन्तुक भक्तो व श्रद्धालुओं ने अन्नपूर्णा प्रसाद ग्रहण किया। तत्पश्चात् विश्व विख्यात संत प्रकाशदास जी महाराज द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत की गई, जिसमें श्रद्धालुगण झूम उठे एवं आनंद प्राप्त किया।
यह संत रहे मौजूद
महामंडलेश्वर स्वामी अरुण दास हरिद्वार, महन्त बनवारी शरण काठिया बाबा, महन्त बलराम दास, महन्त रामदास रामायणी, महन्त संतदास महाराज, पुजारी मुरारी, महन्त रामगिरी महाराज, महंत स्वामी आत्मादास उज्जैन, महंत स्वामी मोहन दास, संत संतराम इंदौर, महंत स्वामी दीपक नन्दलाल फकीर भावनगर, महंत स्वामी सरूपदास, महंत स्वामी ईश्वर दास अजमेर, महंत स्वामी हनुमान राम पुष्कर, पारी माता भीलवाड़ा आदि उपस्थित थे।
