राम-जानकी विवाह की छाई खुशियां, झूमे भक्तगण,जय सियाराम के जयकारों से गूंजा चित्रकूटधाम

By :  vijay
Update: 2024-09-25 14:49 GMT

 भीलवाड़ा,। श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में नगर निगम के चित्रकूटधाम में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के पांचवें दिन ख्यातनाम कथावाचक पूज्य राजन महाराज ने भगवान राम-जानकी के विवाह प्रसंग का वाचन किया तो पूरा माहौल जय सियाराम के जयकारों से गूंज उठा और हर्षित होकर भक्तगण झूमने लगे। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में भगवान राम एवं सीताजी के विवाह का उत्सव मनाने के लिए मंच पर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई। इस प्रसंग के वाचन के दौरान पूरा माहौल उत्सवी हो गया। बधाईयां गूंजने लगी और सीतारामजी के जयकारे हर तरफ गुंजायमान होने लगे। कई श्रद्धालु राम-जानकी विवाह की खुशियां मनाने के लिए जमकर नृत्य करने लगे। कथा विश्राम होने पर छप्पन भोग की झांकी के दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। कथा के दौरान राजन महाराज ने कहा कि जो वास्तव में भगवान से प्रेम करता है वह बोल नहीं पाता उसकी वाणी अवरूद्ध हो जाती ओर नेत्र बोलते है। प्रेम कभी बताया नहीं जाता उसकी अनुभूति होती है। परिवार से जो प्रेम होता है वह राग होता है ओर ऐसा प्रेम जो सगुण रूप में भगवान से हो जाए वह अनुराग है। अपन जैसा व्यवहार परिवार के सदस्यों के साथ करते वैसा घर में ठाकुरजी के साथ शुरू कर दे तो समझो अनुराग है। रामजी न राग से न वैराग से वह तो अनुराग से ही मिलेंगे। उन्होंने राम-लक्ष्मण के मिथिला पहुंचने के बाद उनके दर्शन करने मात्र से लोगों के मोहित हो जाने के प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि जो दिव्य ओर श्रेष्ठ होता है उसे बताना नहीं पड़ता है। उसका आचार,विचार,व्यवहार स्वरूप श्रेष्ठ होता है। अपने बारे में बताने से बचा जाए। आपका दिव्य भाव ही आपका परिचय प्रदान करेगा। राजन महाराज ने कहा कि भगवान परमात्मा ओर हम जीवात्मा जब तक इनके बीच कोई आचार्य या महात्मा नहीं आएंगे तब तक इनका मिलन नहीं होगा। आचार्य का कार्य जीव को भगवान के दर्शन कराना है। कथा के दौरान मंच पर पंचमुखी दरबार भीलवाड़ा के महन्त परमेश्वरदास महाराज, संत सच्चिदानंद दास महाराज, संत ब्रजमोहनदास महाराज सहित कई पूज्य संत-महात्मा आदि भी विराजित थे। व्यास पीठ पर विराजित राजन महाराज के शाम को कथा विश्राम पर आरती करने वालों में सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक अशोक कोठारी, पूर्व सांसद सुभाष बहेड़िया, मुख्य जजमान श्रीगोपाल राठी, अनिल उर्मिला जोशी, शिवम प्रहलादका, गोविन्द लढ़ा, जसवन्ता लढ़ा, मधुसुदन राठी, हरिनारायण बजाज, सरला बजाज, मोनिका बजाज, राजेन्द्रसिंह राणावत, सौरभ सोमानी, गोपाललाल जाट, बाबूलाल टांक,दीपक पाराशर, दिनेश सुथार, महेन्द्रपालसिंह पुरावत, रामलीला कमेटी आजादचौक की संरक्षक मंजू पोखरना, गोविन्द व्यास, अलका त्रिपाठी, चन्द्रमोहन कसारा, कमल कसारा, माया पारीक, पार्थ सेन, रमेश कसारा आदि भक्तगण शामिल थे। दोपहर में राजन महाराज के व्यास पीठ पर विराजने के बाद आरती करने वालों में सीएमएचओ सीपी गोस्वामी, ओपी खटोड़, ओमप्रकाश उपाध्याय, कृष्णा राठी, सुनीता नराणीवाल, रूक्मणीदेवी अग्रवाल, सुमित्रा अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, निशा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, प्रितम अग्रवाल, श्रेयांश अग्रवाल, गोपाल जागेटिया, गोपी दादा,प्रदीप पलोड़, रोशन सोनी, ब्रजेश सोमानी, बद्रीलाल सोमानी, बद्रीलाल जोशी, विद्यादेवी व्यास, गीेता पाण्डे, मुरलीधर दाधीच, खुशीराम वैष्णव,जतनदेवी हिंगड़ आदि शामिल थे। विश्राम स्थल से कथास्थल तक रामचरित मानस की पोथी लाने-ले जाने वाले यजमान में अचल अग्रवाल, अशोक मंजू पोखरना, निर्मल जोशी शामिल थे। अतिथियों का स्वागत श्रीरामकथा सेवा समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज, संरक्षक राधेश्याम सोमानी, महासचिव पीयूष डाड व कन्हैयालाल स्वर्णकार, दुर्गालाल सोनी, किशन मारू, वेदान्त बाहेती, कला कुदाल, लीला राठी, प्रेमलता शर्मा,गोपाल सोमानी आदि ने किया। मंच का कुशल संचालन पंडित अशोक व्यास ने किया। श्रीराम कथा का वाचन चित्रकूटधाम प्रांगण में 29 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा।

*भजनों की गंगा करती रही भक्ति रस से सराबोर*

श्रीराम कथा शुरू होने से पहले एवं राजन महाराज द्वारा कथा शुरू करने के बाद भी निरन्तर भजनों की गंगा माहौल को भक्ति के रस से सराबोर करती रही। इस दौरान पांडाल में जय सियाराम, जय रामजी के जयकारे गूंजते रहे। भजनों के साथ रामचरितमानस की चौपाईयों का पाठ भी होता रहा। राजन महाराज ने सखियों संग जनक दुलारी गौरी पूजन को चली, मंगल गीत गाओ प्यारी सखियां, जीमो रामलला छप्पन भोग लगाया, आइए रामजी आकर मेरे दिल से दूर न जाए, सिया मांग रही अवध को आज सरयू नहाने को, सबसे उंची प्रेम सगाई आदि भजनों के माध्यम से माहौल भक्ति के साथ विवाहोत्सव का बना दिया है। श्रीराम कथा महोत्सव में पांचवे दिन भी हजारों शहरवासी तीव्र उमस की परवाह किए बिना कथा श्रवण के लिए उमड़े। शहर के सभी क्षेत्रों के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों लोग कथा सुनने के लिए चित्रकूटधाम पहुंचे थे। 

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