नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम पर ... देर रात तक गरबा पांडालों में मच रही है धूम

Update: 2024-10-10 08:25 GMT

भीलवाड़ा (हलचल)। गुजरात की धरती से होकर देश और दुनिया में विशेष पहचान बन चुका गरबा नवरात्र में भीलवाड़ा में हर जगह धूम मचाए हुए हैं.नवरात्र के 9 दिन तक होने वाले इस उत्सव में बड़ी संख्या में बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. अब दो दिन शेष रह गए है ऐसे में गरबा की धूम यौवन पर पहुंच रही है। गरबा के लिए परंपरागत परिधान की विशेष मांग भीलवाड़ा में बनी हुई है. नवरात्रि के नौ दिनों शाम होते ही शहर में कहीं भी देखो वहीं गुजराती परिधान में युवक और युवतियां नजर आने लगते हैं. इससे एक बात तो साफ है, कि नवरात्रि के दौरान होने वाला गरबा को युवा पीढ़ी आगे बढ़ा रही है और साथ में गुजराती परिधान पहन कर भारतीय वेशभूषा को भी बढ़ावा मिल रहा है।

शहर में इन दिनों गरबे की धूम मची हुई है, एक दौर था जब लोग टी-शर्ट और जींस को धारण कर गरबा ग्राउंड में प्रवेश कर जाते थे, लेकिन इन दोनों पारंपरिक परिधान को युवक और युवतियां काफी पसंद कर रहे हैं। युवतियां भी मर्यादित पोशाक में नजर आने लगी है वहीं कई गरबा पांडालों में अवांछित तत्वों की रोकथाम के लिए तिलक लगाने के साथ ही आधार कार्ड की भी पड़़ताल की जा रही है।

गुजरात से शुरू होकर देश के महानगरों से होता हुआ गरबा उत्सव अब भीलवाड़ा में भी धूम मचा रहा है। सामाजिक संस्थाओं की ओर से नवरात्र की शुरुआत के साथ ही यहां लगातार गरबा उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। बीते सात दिनों में यहां गरबा और यह क्रम नवरात्र की नवमी तक लगातार जारी रहने वाला है। गरबा उत्सव में शामिल होने के लिए लोगों को कई जगह टिकट खरीदने पड़ते हैं। बावजूद, आयोजन में लोगों की खूब भीड़ जमा हो रही है। खासतौर पर महिलाओं को यह आयोजन खूब भा रहे हैं।

पांसल रोड पर बीती महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने जमकर डांडिया खेला. नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम, आयो रे गणपति बाबा भजन पर देर तक रंग जमा. अंबे मां चालो धीरे-धीरे…, पंखीरा तू उड़ के जाना पावा गढ़ रे…पर महिलाओं ने झूमकर गरबा किया.

इनका कहना है :

गरबा उत्सव में लोग पारंपरिक परिधानों में शामिल होते हैं। महिलाएं लहंगा-चुनरी तो पुरुष कुर्ता-पायजामे में नजर आ रहे हैं। उन्हें डांडिया स्टिक आयोजन स्थल पर आयोजकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां तक कि बच्चे भी पारंपरिक परिधान पहनकर मस्ती करते नजर आते हैं।

गरबा उत्सव पूरी तरह से धार्मिक आयोजन है। इसमें महिलाओं को मां की भक्ति के साथ-साथ उत्सव मनाने का भी मौका मिलता है। यही वजह है कि गरबा के प्रति लोगों का क्रेज भी लगातार बढ़ता जा रहा है। - कविता राज

गरबा उत्सव महिलाओं को उनके अंदर छिपी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मंच भी प्रदान करता है। आयोजनों में उन्हें सुरक्षित और पारिवारिक माहौल मिलता है। यही वजह है कि वे परिवार के साथ इसमें शामिल होती हैं। - इंद्रा

गरबा के लिए गुजराती परिधान की डिमांड बढ़ी

एक कपड़ा व्यवसायी ने बताया कि काफी दिनों से कपड़े का व्यापार कर रहे हैं. पहले नवरात्र के समय लोग जींस शर्ट इत्यादि पहनकर भी गरबा किया करते थे, लेकिन अब लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए सजग हो गए हैं. इस वर्ष काफी ज्यादा मात्रा में नवयुवक और युवतियां गुजराती परिधान लेने दुकान पहुंच रही है. जिससे दुकानदारों को भी अच्छी खासी कमाई हो रही है।

इस नवरात्र शहर में गरबा उत्सव की धूम है। लोगों की भीड़ भी खूब जमा हो रही है। खासतौर पर महिलाओं को यह आयोजन खूब भा रहे हैं। देर रात तक देवी भजनों की गूंज के बीच डांडिया के टकराने की टक-टक खूब सुनाई दे रही है।


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