मिड-डे मील निरीक्षण: कले€क्टर ने लगाई थी निरीक्षण टीमें, फिर भी अफसरों ने की नाफरमानी

Update: 2024-10-10 09:45 GMT

भीलवाड़ा । राज्य सरकार द्वारा आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे मिड-डे मील की जांच के लिए आकस्मिक निरीक्षण करवाया गया। जिला कलेक्टर ने 125 निरीक्षण टीमें बनाई। उनमें से 90 अधिकारियों ने ही स्कूलों का निरीक्षण किया। 35 अफसर निरीक्षण करने ही नहीं गए। जो अफसर निरीक्षण करने गए, उन्होंने 366 स्कूलों में खाने की गुणवत्ता सहित अन्य बिंदुओं पर जांच की। इसमें सभी 366 स्कूलों में खाने की क्वालिटी सहित सभी व्यवस्थाएं संतोषप्रद मिली। एक भी स्कूल में मिड-डे मील में गड़बड़ नहीं मिली। पर ये रिपोर्ट है शिक्षा विभाग की है।

राज्य सरकार द्वारा आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में पढऩे वालों बच्चों को मिड-डे मील दिया जाता है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर समय-समय पर निरीक्षण करवाया जाता है। इसी के तहत 19 व 20 सितंबर को पूरे जिले में एक साथ निरीक्षण करवाया गया। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने भीलवाड़ा जिले में जिला एवं Žब्लॅक लेवल पर 125 निरीक्षण टीमें बनाई। इसमें जिला स्तर पर भी 53 टीम गठित की। सभी को निरीक्षण कर तय फॉर्मेट में रिपोर्ट करनी थी।

जिला कले€क्टर नमित मेहता ने खुद स्कूल में मिड-डे मील जांचा। आश्चर्यजनक है कि जिला कले€क्टर के आदेश के बावजूद 35 अफसर गंभीर नहीं दिखाई दिए। वे स्कूलों में मिड-डे मील चेक करने ही नहीं पहुंचे। इसमें जिला टीम के 53 में से 22, सुवाणा Žब्लॉक में 11 में से 4, आसींद में 10 में से 3, बिजौलियां में 6 में से 1, हुरड़ा में 7 में से 2, सहाड़ा में 9 में से 2 व करेड़ा में 5 में से 1 अफसर शामिल हैं। मांडल,मांडलगढ़ व रायपुर Žब्लॉक ही ऐसे हैं, जहां सभी टीमों ने निरीक्षण किया। मांडल व रायपुर में 7-7 व मांडलगढ़ में 10 टीमें लगाई गई थी। सभी ने अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) को भेजी।

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