काग्रेस में खलबली :: चुनावों के दौरान लापता रहे नेताओं की छुट्टी तय, एकता होती तो कांग्रेस निकाल सकती थी भीलवाड़ा सीट!
चेहरा दिखाने आए नेता, फील्ड से मोड मुंह पार्टी उम्मीदवार के सिपाहीसालार भी रहे रुखे;
भीलवाड़ा जयपुर (हलचल) विधानसभा के बाद लोक सभा चुनाव मैं कांग्रेस के कई नेता पार्टी के प्रति समर्पित नजर नहीं आयेऔर चुनाव प्रचार से दूर ही दिखे या खानापूर्ति करते दिखे ऐसेनेताओं के खिलाफ अब प्रदेश संगठन ने कार्रवाई करने का मानस बनाया है इससे लगता है कि आने वाले दिनों में कई जिलों जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी बदल जाएंगे वही कुछ पूर्व मंत्रियोंऔर नेताओ के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती हे।
लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेताओं की फील्ड से गैरमौजूदगी को लेकर पार्टी सख्त एक्शन के मूड में है। मामले में प्रदेश कांग्रेस संगठन की तरफ से जिला संगठनों से जो रिपोर्ट मांगी गई थी वो मिल चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है रिपोर्ट का एनालिसिस करने के बाद कार्रवाई की बात होगी।
राजस्थान में लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस के जिला संगठनों के पदाधिकारियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल लोकसभा चुनावों के दौरान राजस्थान में कांग्रेस प्रत्याशियों और विधायकों की तरफ से बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें आई थीं, जिसमें कांग्रेस की तरफ चुनावों में लगाए गए पदाधिकारियों के निष्क्रिय होने की बात कही गई थी।
चुनावों के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने करीब 200 पदाधिकारी जिलों में तैनात किए थे, लेकिन इनमें से बहुत जगहों पर पदाधिकारी पहुंचे ही नहीं। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस की ओर से संगठन के सभी पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें उनसे पूछा गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान आप कहां पर व्यस्त थे।
पत्र में मांगी गई ये जानकारी
लोकसभा चुनाव के दौरान पदाधिकारियों की सक्रियता की पूरी जानकारी मांगी गई है। इस पत्र में उनसे पूछा गया है कि वे चुनाव के दौरान कहां पर क्या काम कर रहे थे। अपने प्रभार वाले क्षेत्र में कितनी बार गए और कितनी मीटिंग ली गई थी। साथ ही क्षेत्र में प्रचार के दौरान किन-किन कार्यआए हुए फील्ड मेंकाम करतेक्रमों में हिस्सा लिया। लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान कहां सक्रिय रहे। इसके बारे में भी जानकारी मांगी गई है। जिला और प्रदेश स्तर पर आयोजित कितनी बैठकों में हिस्सा लिया गया। पत्र में यह भी पूछा गया है कि आपके अधीन कार्यरत पदाधिकारी और सदस्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव कौन-कौन रहे। पदाधिकारियों से जानकारी कांग्रेस वॉर रूम की रिपोर्ट के बाद मांगी गई है, जो पदाधिकारी निष्क्रिय रहे। उनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।होम
भीलवाड़ा की यह चर्चा
भीलवाड़ा की बात कर तो यहां भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में कांग्रेस के कई नेता नजर नहीं आए हे !कार्यकर्ताओं में भी ज्यादा जोश दिखाई नहीं दिया और जो नेता मौके बै मौके अपना चेहरा दिखाने आए वे भी फील्ड म काम करते नजर नहीं आए, पानी वाले बाबा के सिपाही सालार भी चुनाव के प्रति ज्यादा रुचि दिखाते नही दिखे। कांग्रेसी हीं नही बल्कि आमलोगों की माने तो इस बार अगर कांग्रेस के नेता एकजुट होते तो भीलवाड़ा सीट पर जीतना ज्यादा मुश्किल नहीं था लेकिन कांग्रेस मैं आपसे खींचतान और फूट फजीहत के चलते कई बूथों पर कार्यकर्ता तक नजर नहीं आए। पार्टी का प्रदेश संगठन क्या एक्शन लेता है इस पर सभी की नजर लगी है चर्चातो यह भी है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव हो गए लेकिन पार्टी का जिला संगठन ही मौजूद नही हे? फिर क्या उम्मीद की जा सकतीहै;