क्या बजट में केंद्र सरकार लौटाएगी डीए/डीआर के बकाया 34402 करोड़ रुपये, कैसे मिलेगा 18 माह का एरियर

By :  vijay
Update: 2025-01-24 13:23 GMT

केंद्र सरकार में जेसीएम 'स्टाफ साइड' से लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठन, फेडरेशन और एसोसिएशन, डीए/डीआर के बकाया 34,402 करोड़ रुपये लौटाने का आग्रह कर चुके हैं। वित्त मंत्रालय में ऐसे कई संगठनों ने अपना प्रतिवेदन दिया है। संसद सत्र में सवाल पूछा गया है, मगर अभी तक सरकार ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया है कि जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को उक्त राशि मिलने का कोई संकेत नजर आता हो। अब बजट में कर्मचारियों को यह उम्मीद नजर आ रही है कि सरकार पूरी राशि न सही, उसका कुछ हिस्सा ही जारी कर दे। दरअसल यह राशि, कोरोनाकाल के दौरान रोके गए डीए/डीआर के 18 माह का एरियर है।

केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के एरियर के भुगतान को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने संसद में यह बात मानी थी कि डीए की बकाया राशि जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से आवेदन मिले हैं। हालांकि सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस भरोसा देने की बजाए साफ तौर से कह दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में डीए के एरियर को जारी करना व्यावहारिक नहीं है। मतलब, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक की डीए/डीआर राशि का भुगतान नहीं करेगी। वित्त राज्य मंत्री ने सदन में कहा था, अभी भी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में दर्शाए स्तर से दोगुने से अधिक चल रहा है। ऐसे में डीए/डीआर का एरियर देना संभव नहीं है।

'नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन' (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार के मुताबिक, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के भुगतान की लड़ाई भी जारी है। कैबिनेट सचिव को 'स्टाफ साइड' की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए एरियर के भुगतान के लिए पहले ही लिखा जा चुका है। इस बाबत वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया है। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है। इसके बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज के साथ उसका भुगतान करना होता है। केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने का महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्तें रोक ली थी। उस वक्त सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी।d

सी. श्रीकुमार बताते हैं, सरकार के मन में खोट आ चुका है। केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस वक्त कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये बचा लिए थे। उसके बाद कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 18 माह के एरियर के भुगतान को लेकर सरकार को कई तरह के विकल्प सुझाए थे। इनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान करना भी शामिल था। अलॉयंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा इस बाबत पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ईमेल भेजी गई थी। इसमें आग्रह किया गया था है कि बजट में अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन बहाल की जाए। डीए/डीआर के बकाया, 34,402.32 करोड़ रुपये लौटाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने अपने ईमेल में लिखा, केंद्रीय कर्मचारियों व सरहदी सिपाहियों का बकाया डीए/डीआर भुगतान जारी किया जाए।

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव का कहना है, डीए/डीआर की बकाया राशि के भुगतान के लिए कई बार सरकार को पत्र लिखा गया है। कोरोनाकाल के दौरान आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो डीए/डीआर में कटौती कर दी गई। अब अर्थव्यवस्था पटरी पर है तो सरकार को 18 माह के डीए/डीआर का एरियर देना चाहिए।

सरकारी सेवा कोई अनुबंध नहीं है। यह एक स्थिति है। कर्मियों को सरकार से उचित व्यवहार की उम्मीद है। राज्यों को सेवाओं के लिए एक रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। इससे कर्मचारी उत्साह के साथ कार्य करते हैं।

नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल भी कह चुके हैं, 18 महीने के बकाया डीए/डीआर का एरियर कर्मचारियों का हक है। सरकार को अविलंब इस राशि को जारी करना चाहिए। अभी तक सरकार का ऐसा कोई रूझान नहीं दिख रहा, जिससे यह उम्मीद बंधे कि वह राशि जारी हो सकती है। सरकार इस बाबत साफ मना कर चुकी है। गत वर्ष राज्य सभा में सरकार ने भी एरियर की राशि जारी करने से मना कर दिया था। अब हमारा फोकस आठवें वेतन आयोग पर अपनी सिफारिशें/सुझाव तैयार करने और ओपीएस के सभी लाभ बहाल कराने पर है।

'भारत पेंशनर समाज' के महासचिव एससी महेश्वरी ने भी कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया है। कोरोनाकाल के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की थी कि कर्मचारियों को 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण काल में डीए की तीन किस्त (1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021) रोक दी गई थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में महंगाई भत्ते को बहाल कर दिया था। तब 18 महीने की बकाया तीन किस्तों का पैसा देने पर सरकार चुप हो गई।

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