त्योहारों में 4.25 लाख करोड़ के व्यापार से भारतीय अर्थव्यवस्था में उछाल, चीनी सामान का बहिष्कार!

By :  vijay
Update: 2024-10-14 16:27 GMT

भारत के सबसे बड़े त्योहार दीवाली एवं उससे जुड़े अन्य त्योहारों की श्रृंखला से व्यापारी और उपभोक्ता, दोनों बेहद उत्साहित हैं। यही वजह है कि इस बार रक्षा बंधन से लेकर दीवाली तक के त्योहारी सीजन में देश के बाजार गुलजार हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया, इस त्योहारी सीजन में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। कैट द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के 70 शहरों, जिन्हें व्यापारिक वितरण केंद्र माना जाता है, में व्यापारी संगठनों के बीच कराए गए एक हालिया सर्वे की समीक्षा रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।

 खंडेलवाल के मुताबिक, इस वर्ष देश भर में व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की मांग एवं पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। देश भर के बाजारों में इस बार रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा एवं दशहरे पर ग्राहकों द्वारा बड़ी खरीदारी की गई है। इसे देखते हुए त्योहारों के सीजन का व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। गत वर्ष यह आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का था। अकेले दिल्ली में ही यह त्योहारी व्यापार का आंकड़ा 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक जा सकता है। त्योहारों के सीजन के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसमें भी देश भर के व्यापारी, बड़ा कारोबार होने की उम्मीद कर रहे हैं।

त्योहार के सीजन में लगभग 70 करोड़ ग्राहक बाजारों में खरीददारी करते हैं। फेस्टिवल सीजन में 500 रुपये से लेकर हजारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की कमी नहीं है। देश में त्योहारों के इस सीजन की महत्त्वता, व्यापार की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा, यूं तो इन त्योहारों में व्यापार के सभी क्षेत्रों में बड़ी बिक्री होती है, लेकिन विशेष रूप से गिफ्ट आइटम्स, मिठाई-नमकीन, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो मोबाइल, वस्त्र, आभूषण, कपड़ा, बर्तन, क्राकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फ़र्निशिंग, रसोई के उपकरण, घर के लिए सजावटी सामान, फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन और कॉस्मेटिक्स की वस्तुओं की बिक्री होती है। इसके अलावा कंप्यूटर एवं आईटी उपकरण, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल फूल, पूजा सामग्री, मिट्टी के दिये एवं कुम्हारों द्वारा बनाये गये अन्य सामान, भगवानों की तस्वीर, मूर्ति आदि, हार्डवेयर, पेंट, फैशन की वस्तुएं, खाद्य सामान, एफएमसीजी सामान, किराना, सॉफ्ट ड्रिंक, कन्फेक्शनरी, खाद्य तेल, रेडीमेड फ़ूड और खिलौनों की भी भारी मांग रहती है। ऐसे में उक्त वस्तुओं का भी व्यापार बढ़ेगा।



देश भर में हजारों समारोह होने के कारण सर्विस सेक्टर से जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल, कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कैब सर्विस, डिलीवरी सेक्टर और कलाकारों सहित इसी तरह के अन्य वर्गों को भी बड़ा व्यापार मिलेगा। भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया, एक मोटे अनुमान के अनुसार 4.25 लाख करोड़ के अनुमानित त्योहारों के व्यापार में लगभग 13% खाद्य एवं किराना में, 9% ज्वेलरी में, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए जाने का अनुमान है। पैकिंग क्षेत्र को भी त्यौहारों पर बड़ा व्यापार मिलेगा।

कैट पदाधिकारियों के मुताबिक, दीवाली पर्व के सीजन की श्रृंखला में 24 अक्तूबर को अहोई अष्टमी, 29 अक्तूबर को धनतेरस, 1 नवंबर को दीवाली, 2 नवम्बर को गोवर्धन पूजा, 3 नवम्बर को भाई दूज, 5 से 8 नवम्बर को छठ पूजा तथा 13 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ दीवाली का त्योहार सीजन समाप्त होगा। खंडेलवाल ने बताया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों से त्योहारों पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया गया था। पूरे देश में इसका बड़ा प्रभाव दिखाई दे रहा है। कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि वे अपने शहर के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार दिलाने में सहयोग करें। आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दीवाली पर्व के जरिए देश एवं दुनिया को दिखाएं। मोदी के मंत्र, वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से चीनी सामान की माँग पिछले वर्षों से लगातार घट रही है। इस वर्ष के त्योहारों के सीजन में चीन का कोई भी सामान बाजारों में नहीं बिक रहा। कैट पदाधिकारियों ने दावा किया है कि देश भर में व्यापारियों ने त्योहारों पर बिकने वाला कोई भी सामान चीन से आयात नहीं किया है। अब ग्राहक भी चीनी सामान लेने में इच्छुक नहीं हैं। बेशक चीन का सामान सस्ता ही क्यों न हो, लेकिन आम लोग उससे दूर ही हैं। देश के हितों के विरुद्ध चीनी हरकतों ने उपभोक्ताओं को चीनी सामान से विमुख कर दिया है।

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