बिजनेसमैन अनिल अंबानी के घर ED की रेड,35 से ज्यादा जगहों पर सर्च ऑपरेशन

Update: 2025-07-24 08:57 GMT

मुंबई निदेशालय की टीम ने उद्योगपति अनिल अंबानी के घर रेड मारी है। दिल्ली और मुंबई में 35 से अधिक परिसरों पर ईडी की छापेमारी चल रही है.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी. अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के नियमों और बैंक की फ्रॉड पर बनी पॉलिसी के अनुसार की गई है। पंकज चौधरी ने कहा था कि इस मामले में अब CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। बैंक CBI में शिकायत दर्ज कराने जा रहा है।प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने उद्योगपति अनिल अंबानी के घर रेड मारी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज सुबह रेड मारी है। यह रेड किस मामले में पड़ी है। इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। SBI ने उनकी रिलायंस कम्यूनिकेशंस और उन्हें फ्रॉड घोषित किया है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी. अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के नियमों और बैंक की फ्रॉड पर बनी पॉलिसी के अनुसार की गई है। पंकज चौधरी ने कहा था कि इस मामले में अब CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। बैंक CBI में शिकायत दर्ज कराने जा रहा है।मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार सुबह से दिल्ली और मुंबई में 35 से अधिक परिसरों पर ईडी की छापेमारी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, ये मामला तब सामने आया जब CBI ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की, जिनमें बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगे. इसी के बाद ईडी ने करीब 35 ठिकानों पर रेड डाली है.

क्या है आरोप? 

जांच में अब तक जो बातें सामने आई हैं, उनके मुताबिक ये एक पूरी प्लानिंग के साथ की गई धोखाधड़ी है, जिसमें बैंकों, निवेशकों और आम लोगों के पैसे को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया. खास बात ये है कि इसमें बैंकों के बड़े अधिकारियों को रिश्वत देने का भी शक है. खास तौर पर यस बैंक के पूर्व प्रमोटर्स को पैसे देकर बिना किसी गारंटी के भारी-भरकम लोन पास कराए गए.

3000 करोड़ का लोन घोटाला

2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों को करीब ₹3,000 करोड़ के लोन दिए. ईडी का आरोप है कि इन लोन को पास कराने से पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को उनकी निजी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर किए गए, यानी 'कुछ दो, कुछ लो' वाली डील हुई.

जांच में क्या-क्या हुआ खुलासा

कई कंपनियों को लोन देने से पहले उनकी वित्तीय स्थिति की न तो ठीक से जांच की गई, न ही जरूरी दस्तावेज संलग्न थे.

एक ही डायरेक्टर और एक जैसे पते का उपयोग कर कई कंपनियों से लोन लिया गया.

फंड्स को शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया.

'लोन एवरग्रीनिंग' के तहत पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन दिए गए.

कुछ मामलों में बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने के भी सबूत मिले हैं.

कई रेगुलेटरी और फाइनेंसियल बॉडीज ने अपनी फाइंडिंग्स ईडी के साथ साझा की हैं, जिनमें नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), नेशनल फाइनेंस रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं. इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अनिल अंबानी की समूह कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और अंबानी को "धोखाधड़ी" खातों के रूप में वर्गीकृत किया है.

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