दस साल से बंदे खाते अब फिर होंगे चालू,RBI ने खाताधारकों के लिए जारी किए नए नियम

Update: 2025-06-15 09:00 GMT
दस साल से   बंदे खाते अब फिर होंगे चालू,RBI ने खाताधारकों के लिए जारी किए नए नियम
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दस साल से ज्यादा समय से ऑपरेट नहीं किए गए सेविंग और करंट अकाउंट को लेकर नया नियम जारी किया है। इसके तहत ऐसे खाते जिनका संचालन दस साल से ज्यादा समय से नहीं किया है, या जिन पर दस साल या उससे ज्यादा समय से दावा नहीं किया गया है, ऐसे सभी खातों को चालू करने के लिए बैंक अब केवाईसी अपडेट की सुविधा उपलब्ध कराएगा।

आरबीआई ने जो इसको लेकर जो नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उसके तहत केवाईसी के अपडेशन में वीडियो आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस भी शामिल होगी। इसके अलावा बैंक निष्क्रिय खातों को एक्टिव करने के लिए रजिस्टर्ट बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट की सुविधाओं का भी उपयोग कर सकता है। इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राहकों को केवाईसी अपडेट करने और इनऑपरेटिव खातों को फिर से चालू करने में मदद मिल सकती है।

 

बैंक फिलहाल निष्क्रिय खातों का क्या करता है?

कोई भी बैंक खाता जो पिछले 10 सालों से इस्तेमाल नहीं हुआ है, उसे इनऑपरेटिव यानी निष्क्रिय खाता कहा जाता है। इसकी तरह ही खाते की शेष राशि, जिसे दस साल तक क्लेम नहीं किया गया हो, उसे 'अनक्लेम्ड डिपॉजिट' कहते हैं।

कहां होता है DEA फंड का इस्तेमाल?

वर्तमान में बैंक ऐसे सभी खातों की शेष राशि को डिपॉजिट एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर कर देती है। डीईए फंड का इस्तेमाल जमाकर्ताओं के हितों को बढ़ावा देने तथा ऐसे अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाना है, जो खाताधारकों के हितों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी हो सकते हैं

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