नई सहकारिता नीति 2025 लॉन्च: : हर गांव में सहकारी समिति, हर तहसील में मॉडल गांव, सहकार टैक्सियां भी होंगी शुरू
नई दिल्ली। देश की सहकारिता प्रणाली को मजबूत करने और ग्रामीण विकास को नई रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार ने नई सहकारिता नीति 2025 को गुरुवार को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अक्षय ऊर्जा भवन में इस नीति की घोषणा करते हुए कई बड़े और दूरगामी बदलावों की रूपरेखा पेश की।
मुख्य बिंदु:
हर गांव में कम से कम एक सहकारी समिति खोली जाएगी।
हर तहसील में पांच मॉडल सहकारी गांव बनाए जाएंगे।
शहरी क्षेत्रों में 'सहकार टैक्सियां' शुरू होंगी, जो ओला-ऊबर की तर्ज पर चलाई जाएंगी।
सहकारिता का भविष्य उज्जवल: अमित शाह
नीति की घोषणा करते हुए अमित शाह ने कहा, "वर्ष 2020 से पहले कुछ लोगों ने सहकारिता को मृतप्राय मान लिया था। कहा जाता था कि सहकारिता का कोई भविष्य नहीं है, लेकिन आज मैं कहता हूं कि 'सहकारिता का ही भविष्य है।'" उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति के माध्यम से गांव, गरीब और किसान को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
नीति के उद्देश्य:
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलित विकास।
युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर।
सस्ती और भरोसेमंद सेवाएं उपलब्ध कराना।
सहकारी ढांचे को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।
सहकार टैक्सियां जल्द होंगी सड़कों पर
नीति के तहत शहरी सहकारी समितियों के माध्यम से टैक्सी सेवा की शुरुआत की जाएगी। यह ओला-ऊबर जैसे निजी प्लेटफॉर्म का विकल्प होगी लेकिन सहकारी मॉडल पर आधारित होगी, जिससे ड्राइवरों को सीधी हिस्सेदारी और मुनाफा मिलेगा।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति न केवल आर्थिक बदलाव लाएगी बल्कि ग्राम स्वराज और सामूहिक विकास की दिशा में बड़ा कदम भी साबित हो सकती है।
