त्रिपुरा में हमले के बाद बांग्लादेश उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ाई गई, पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई
अगरतला में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास पर प्रदर्शनकारियों के हमले के एक दिन बाद दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित बांग्लादेश उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया 'सुरक्षा बढ़ा दी गई है और उच्चायोग के चारों ओर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसके परिसर के आसपास कोई भीड़ नहीं जुटे।'
अगरतला में वाणिज्य दूतावास पर हमले पर विदेश मंत्रालय ने जताया दुख
संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 मध्य दिल्ली में लागू है। धारा 163 के तहत पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है। बांग्लादेश में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के साथ-साथ हिंदू समुदाय पर हमलों के विरोध में देश के लोगों में भारी गुस्सा है। सोमवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हजारों लोगों ने 'बांग्लादेशी मिशन' के पास बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास में घुसकर तोड़फोड़ की। विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर दुख जताया और इसे खेदजनक बताया।
अगरतला की घटना पर चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
बांग्लादेश उच्चायोग ने अगरतला स्थित अपने मिशन में की सुरक्षा के उल्लंघन पर विरोध दर्ज कराया है। राज्य सरकार ने भी वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस घटना में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार ने बताया कि कथित लापरवाही के लिए तीन उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। घटना को लेकर न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया गया है।
सुरक्षा चूक के बाद वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई
एसपी ने बताया कि घटना के बाद वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ा दी गई तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया। वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में चूक की घटना सोमवार को उस समय हुई जब हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ता, हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी घटना पर नाराजगी जाहिर की है और कहा कि 'लोगों को शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।'