मलेरिया का मिल गई नई वैक्सीन; प्रशिक्षण का पहला चरण सफल
मलेरिया की एक नई वैक्सीन उम्मीद की नई किरण दिखाती है। अफ्रीकी बच्चों पर इस टीके के फेज 2बी के क्लीनिकल ट्रायल किए गए। अंतरिम परिणाम बताते हैं कि वैक्सीन सुरक्षित और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के साथ आशाजनक प्रभावकारिता से लैस है।दरअसल, आरएच 5.1/मैट्रिक्स-एम नामक इस वैक्सीन के परीक्षण के नतीजे द लैंसेट इंफेक्शस डिजीजेज में प्रकाशित हुए हैं। वैक्सीन ब्लड-स्टेज टाइप है, यानी जब मलेरिया की वजह बनने वाला पैरासाइट खून में मौजूद होता है, यह वैक्सीन उसे निशाना बनाती है।
ब्लड-स्टेज में ही संक्रमित व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखने शुरू होते हैं। मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होने वाले मलेरिया की वजह प्लाज्मोडियम पैरासाइट है। इसके लक्षण काटने के अमूमन 10-15 दिन बाद नजर आते हैं। हल्के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द शामिल हैं। जबकि गंभीर लक्षणों में थकान, भ्रम, दौरे और सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है।