उपराष्ट्रपति बोले- देश के चुनाव में घुसपैठियों की दखल, युवा पूछें- भारत से इनका कब होगा निर्वासन?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दावा किया कि घुसपैठिए अब देश की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इसके बारे में जागरूकता होनी चाहिए। अमेरिका से अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हर भारतीय को यह पूछना चाहिए कि हमारे देश में यह प्रक्रिया कब शुरू होगी।
उपराष्ट्रपति शनिवार को यहां डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के 65वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, करोड़ों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। वे यहां अपनी आजीविका चला रहे हैं। वे हमारे संसाधनों पर मांग कर रहे हैं। हमारी शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र, आवास क्षेत्र पर मांग कर रहे हैं। अब बात और आगे बढ़ गई है। वे हमारी चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम सबका यह कर्तव्य है कि हम देश में मानसिकता फैलाएं, ऐसा माहौल बनाएं, जिससे हर भारतीय इसके प्रति सचेत हो जाए। अमेरिका का हवाला दिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने हाल ही में भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है, जिन्हें वहां धोखे से ले जाया गया था। प्रत्येक भारतीय के मन में यह प्रश्न आना चाहिए कि हम ऐसा कब शुरू करेंगे?
संविधान को जितना जानेंगे उतना राष्ट्रवाद की ओर जाएंगे
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि संविधान जो हमें हमारे मौलिक अधिकार देता है उसके बारे में जितना अधिक जानेंगे, उतना ही हम राष्ट्रवाद की ओर जाएंगे। संविधान जागरूकता वर्ष समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को राजनीति और व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद को अपना सबसे बड़ा धर्म समझना चाहिए तथा चुनौतियों का सामना करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
यूएसएड फंडिंग पर निशाना
उपराष्ट्रपति ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी के वित्तपोषण के खुलासे पर कहा कि देश के सामने चुनौती है। बाहर से चंदा लाकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपवित्र किया जा रहा है। अपने (दानदाताओं) पसंद के लोगों को चुनाव जिताया जा रहा है। यह खतरनाक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आज हमारे संविधान के प्रति जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है।