गले से निवाला उतरा भी नहीं और मौत आ गई…: बहुत कुछ कहती है अहमदाबाद विमान हादसे के बाद हॉस्टल की ये तस्वीर

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अहमदाबाद में गुरुवार को बहुत भयावह हादसा हुआ। एयरपोर्ट के पास एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया। लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ मिनटों के भीतर विमान एक पांच मंजिला इमारत पर गिर गया। पता चला है कि यह इंटर्न डॉक्टरों का हॉस्टल है। इसमें 50-60 इंटर्न रहते हैं।गले से निवाला उतरा भी नहीं और मौत आ गई…मौसम साफ था, पर नियति का चेहरा बादलों से भी ज्यादा घना हो चुका था. कहते हैं, हवा की गोद में बैठी जिंदगियां हर बार जमीन पर नहीं उतरतीं… ये स्याह सच्चाई है, जो अहमदाबाद प्लेन क्रैश से जुड़ी है. प्लेन में सफर करने वालों में से कई ने अपने परिजनों से कहा होगा- हम एयरपोर्ट पहुंच गए हैं… लंदन पहुंचकर फोन करेंगे. मगर, फ्लाइट के उड़ने के चंद मिनट बाद जो हुआ उसने लोगों का कलेजा चीर दिया है. शवों की हालत ऐसी है कि शिनाख्त डीएनए से होगी. प्लेन में सफर करने वालों के परिजनों के साथ ही उन मां-बाप भाई-बहनों का भी दर्द झकझोर देने वाला है, जिनके डॉक्टर बनने वाले बेटे हॉस्टल में खाना खा रहे थे और जान गंवा बैठे.
बीजे हॉस्टल में टेबल पर खाने की प्लेटें, किसी में आधी रोटी तो किसी में थोड़ी सब्जी, जमीन पर पड़े गिलास और सामने मौत का तांडव… ये तस्वीर है अहमदाबाद विमान हादसे के बाद उस हॉस्टल की, जहां देश के भावी डॉक्टर खाने खा रहे थे. एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के बाद इसी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से टकराई थी, जिसने करीब 20 मेडिकल स्टूडेंट्स की सांसें छीन ली.
मौत का तांडव शुरू हुआ
विमान के बिल्डिंग से टकराते ही मौत का तांडव शुरू हुआ. इससे पहले स्टूडेंट कुछ समझ पाते हर तरफ तबाही अपने निशान छोड़कर जा चुकी थी. जो स्टूडेंट इसकी जद में नहीं आए वो खौफ के साए में थे. किसी तरह जान बचाने की जंग जारी थी. कोई सीढ़ियों की तरफ भागा तो किसी ने दूसरी मंजिल से ही छलांग लगा दी.
हॉस्टल से जो तस्वीरें सामने आई हैं वो बता रही हैं कि हादसे के बाद स्टूडेंट्स में कितनी दहशत रही होगी. हादसे के बाद रेस्क्यू टीमें हॉस्टल पहुंचीं और शवों व घायल छात्रों को अस्पताल पहुंचाया गया. जानकारी मिलते ही छात्रों के परिजन अस्पताल पहुंचने शुरू हुए. रोते-बिलखते और अपने बच्चों के लिए तड़पते परिजनों की चीत्कार कलेजा चीर देने वाली है.
दूसरी मंजिल से कूदकर छात्र ने बचाई जान
हॉस्टल में बेटे के घायल होने की सूचना मिलने पर रमीला अहमदाबाद के सिविल अस्पताल पहुंचीं. यहां उन्होंने बताया कि उनका बेटा लंच ब्रेक के दौरान हॉस्टल गया था. विमान वहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बेटा सुरक्षित है और उन्होंने उससे बात की है. वो दूसरी मंजिल से कूद गया था, इसलिए उसे कुछ चोटें आईं.
अस्पताल में चीत्कार का समुंदर
प्लेन में जान गंवाने वाले यात्रियों के साथ जो हुआ वो बयां नहीं किया जा सकता. जले शरीर और चुप हो चुके मोबाइल में दर्द और अधूरी कहानी दबी रह गई है. अपने-अपने सपनों को लेकर जो लंदन जाने के लिए निकले थे अब वो कभी लौटकर नहीं आएंगे. उनके शरीर जलकर राख हो गए हैं. एक महिला का सिर धड़ से अलग मिला है.
हम आपको विचलित करने वाली ये तस्वीरें नहीं दिखा सकते. पर शवों की हालत कैसी होगी, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अब उनकी पहचान के लिए डीएनए जांच होगी. पूरा शव मिलने की उम्मीद नहीं है. नियति की क्रूरता कुछ ऐसी है कि अब परिजनों को शरीर के कुछ अंश मिलेंगे. इस दर्द के सैलाब की कीमत कोई मुआवजा नहीं चुका सकेगा.