भारत के दूसरे सबसे लंबे केबल-आधारित सिगंदूर पुल का उद्घाटन

कर्नाटक के शिवमोगा जिले के सागर तालुक में बहुप्रतीक्षित सिगंडूर पुल का उद्घाटन 14 जुलाई 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। यह पुल न सिर्फ राज्य का सबसे लंबा केबल-स्टेड ब्रिज है, बल्कि यह द्वीप जैसे कटे हुए गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक कदम भी है।
इस पुल का सपना करीब 60 साल पहले देखा गया था और अब ₹423 करोड़ की लागत से यह सपना हकीकत में बदल चुका है।
सिगंडूर पुल की मुख्य विशेषताएं:
लंबाई: लगभग 2.25 किलोमीटर (2,100 मीटर)
चौड़ाई: 16 मीटर, जिसमें 11 मीटर चौड़ी सड़क
संरचना: 17 मजबूत खंभों पर टिका, जो शरावती नदी के तेज़ बहाव को भी झेल सकता है
तकनीक: अत्याधुनिक एक्सट्राडोज़्ड बैलेंस्ड कैंटिलीवर डिजाइन
स्थान: अंबरगोडलु और कलसावल्ली (तुमारी) गांवों को जोड़ता है
राज्य में स्थिति: यह कर्नाटक का सबसे लंबा पुल और देश का दूसरा सबसे बड़ा केबल-स्टेड पुल है (द्वारका पुल के बाद)
क्या बदलेगा इस पुल के बन जाने से?
यात्रा का समय घटेगा: सागर से सिगंडूर के बीच यात्रा का समय अब लगभग 2 घंटे तक कम हो जाएगा।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: लाखों श्रद्धालु जो सिगंडूर चौदेश्वरी मंदिर आते हैं, उन्हें अब सुरक्षित और आसान रास्ता मिलेगा।
स्थानीय कनेक्टिविटी: शरावती बैकवाटर के 40 से अधिक गांव, जो अब तक नावों पर निर्भर थे, अब सीधे सड़क नेटवर्क से जुड़ेंगे।
वाणिज्य और रोज़गार को प्रोत्साहन: व्यापार, कृषि उत्पादों की आवाजाही और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक स्थलों को जोड़ेगा: यह पुल कोल्लूर और सिगंडूर मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।