हुमायूं मकबरा परिसर में बड़ा हादसा: कमरे की छत गिरी, छह की मौत, चार घायल

Update: 2025-08-15 18:11 GMT

 

 नई दिल्ली।  दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में शुक्रवार दोपहर हुमायूं के मकबरे के पास स्थित दरगाह शरीफ पट्टे शाह परिसर में एक आवासीय कमरे की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में तीन महिलाओं समेत **छह लोगों की मौत** हो गई, जबकि चार लोग घायल हैं। सभी घायलों का इलाज एम्स ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में चल रहा है।

अग्निशमन विभाग के मुताबिक, हादसा दोपहर करीब **3:51 बजे** हुआ। दरगाह से सटे दो कमरों वाले एक मंजिला मकान की छत अचानक ढह गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की **चार गाड़ियां** और 25 से अधिक दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गईं।

मलबे में दबे 10 लोग, छह ने तोड़ा दम

दमकल अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में मलबे में 10 लोग दबे हुए थे। सभी को निकालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में **जंगपुरा निवासी 56 वर्षीय अनीता** और **जाकिर नगर निवासी 32 वर्षीय मोइन** की पहचान हो गई है।

अनीता के बेटे शिवांश सैनी ने बताया, *"मुझे फोन पर बताया गया कि मेरी मां दीवार गिरने से घायल हो गई हैं। जब मैं एम्स पहुंचा तो उनकी तस्वीर दिखाई गई और बताया गया कि इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

इमाम भी मौजूद थे भवन में

सूत्रों के अनुसार, हादसे के समय दरगाह के इमाम भी भवन के अंदर मौजूद थे। यह अंदेशा है कि मृतक और घायल लोग दरगाह में एक इमाम के पास *ताबीज बनवाने के लिए आए थे। मृतक और घायल ज्यादातर मुस्तफाबाद, जाकिर नगर और आसपास के क्षेत्रों के निवासी हैं।

डीएम ने दी जानकारी

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी **सरवन कुमार** ने बताया कि हादसा हुमायूं कंपाउंड में दरगाह के पास स्थित दो कमरों वाले आवास में हुआ। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और तुरंत राहत-बचाव अभियान शुरू किया। मलबा हटाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

चार लोग घायल, हालत स्थिर

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, हादसे में चार लोग घायल हुए हैं, जिनमें से नौ लोगों को एम्स ट्रॉमा सेंटर और एक को आरएमएल अस्पताल भेजा गया है। फिलहाल घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही पुलिस और प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि मकान पुराना होने और संरचना कमजोर होने के कारण छत ढही।

प्रशासन ने इलाके के अन्य जर्जर भवनों का भी निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।



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