जी-20 शिखर सम्मेलन में पी एम मोदी का मेलोनी के साथ हंसी-मजाक, लूला को गले लगाया;: कई वैश्विक नेताओं से चर्चा; अमेरिका के बहिष्कार के बावजूद घोषणापत्र मंजूर

Update: 2025-11-23 00:50 GMT



जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी और उनकी द्विपक्षीय मुलाकातें चर्चा का केंद्र बनी रहीं। उद्घाटन सत्र से पहले पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी से गर्मजोशी से अभिवादन किया। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दोनों नेताओं को हंसी-मजाक करते हुए देखा जा सकता है। इससे पहले दोनों की आखिरी मुलाकात जून में कनाडा में हुए जी-7 सम्मेलन में हुई थी।



 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस सहित कई वैश्विक नेताओं से बातचीत की।





 

लूला से मुलाकात के दौरान भारत–ब्राजील संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया, वहीं स्टार्मर और मैक्रों के साथ मुलाकातों को पीएम मोदी ने विशेष रूप से सकारात्मक बताया।

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अमेरिका के बायकॉट के बावजूद G20 घोषणापत्र मंजूर




 


जी-20 शिखर सम्मेलन का बड़ा घटनाक्रम तब सामने आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने पूरे समिट का बायकॉट कर दिया। इसके बावजूद बाकी सभी सदस्य देशों ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा तैयार घोषणापत्र को सहमति से मंजूर कर लिया।



 


दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि अंतिम बयान पर सभी देशों की सहमति बेहद जरूरी थी, भले ही अमेरिका शामिल नहीं हुआ।

शुक्रवार को ही सदस्यों ने अमेरिका की गैर मौजूदगी में घोषणा पत्र का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने इसे "शर्मनाक कदम" बताया है।

रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका ने जलवायु संकट, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने और विकासशील देशों के कर्ज बोझ को कम करने जैसे मुख्य एजेंडों पर साथ देने से साफ इंकार कर दिया।

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क्या दक्षिण अफ्रीका ‘खाली कुर्सी’ को सौंपेगा अगली मेजबानी?

समिट के दौरान एक दिलचस्प टिप्पणी करते हुए राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि उन्हें शायद अगली जी-20 अध्यक्षता किसी ‘खाली कुर्सी’ को सौंपनी पड़े।

दरअसल, 2026 की जी-20 मेजबानी अमेरिका को सौंपी गई है, और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का वर्तमान रुख देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि वे अगले समिट में भी शामिल होंगे या नहीं।

 

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