गणेश उत्सव में नुकसान करता है तो ईद पर भी लागू होता है', जुलूस में DJ पर पाबंदी की उठी मांग तो हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

Update: 2024-09-18 12:42 GMT

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि यदि गणेश उत्सव के दौरान स्वीकार्य स्तर से अधिक लाउडस्पीकर और ध्वनि प्रणालियों का उपयोग हानिकारक है तो ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान भी इसका वही प्रभाव होगा।

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूसों के दौरान डीजे, डांस और लेजर लाइट्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाओं में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह नगर निकायों और पुलिस को ऐसे उच्च-डेसिबल ध्वनि प्रणालियों के उपयोग की अनुमति देने से परहेज करने का निर्देश दे।

कोर्ट ने पिछले महीन दिया था आदेश

पीआईएल में दावा किया गया है कि न तो कुरान और न ही हदीस (पवित्र पुस्तकें) उत्सव के लिए डीजे सिस्टम और लेजर लाइट के उपयोग को निर्धारित करती हैं। पीठ ने गणेश उत्सव से ठीक पहले पिछले महीने पारित एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत निर्दिष्ट सीमाओं से अधिक शोर उत्सर्जित करने वाली ध्वनि प्रणालियों और लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया गया थ

याचिकाकर्ताओं के वकील ओवैस पेचकर ने अदालत से अपने पहले के आदेश में ईद को भी जोड़ने की मांग की, जिस पर पीठ ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है, जैसा कि आदेश में कहा गया है कि यह सभी सार्वजनिक त्यौहारों पर लागू होता है। कोर्ट ने कहा कि अगर यह गणेश चतुर्थी के लिए हानिकारक है तो यह ईद के लिए भी हानिकारक है।

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